अहमदाबाद,14 नवंबर (युआईटीवी)- अदाणी समूह ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि उसकी दो कंपनियों—अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) और अदाणी पावर लिमिटेड को असम सरकार से कुल 63,000 करोड़ रुपये के दो बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए लेटर्स ऑफ अवॉर्ड (एलओए) प्राप्त हुए हैं। यह कदम न सिर्फ असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा,औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है।
प्रोजेक्ट्स में सबसे बड़ा निवेश अदाणी पावर लिमिटेड द्वारा किया जाएगा,जो असम में 3,200 मेगावाट क्षमता वाले ग्रीनफील्ड अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना हेतु 48,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। वहीं,अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड राज्य में कुल 2,700 मेगावाट क्षमता के दो पंप स्टोरेज प्लांट्स (पीएसपी) स्थापित करने के साथ-साथ 500 मेगावाट की ऊर्जा भंडारण क्षमता विकसित करने के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। ऊर्जा भंडारण की आपूर्ति इन पंप स्टोरेज प्लांट्स के माध्यम से ही की जाएगी।
अदाणी समूह की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से स्टेट-ऑफ-द-आर्ट तकनीकों का उपयोग करते हुए असम के ऊर्जा क्षेत्र को एक नई ऊँचाई पर ले जाया जाएगा। यह निवेश असम को न केवल आत्मनिर्भर बनाएगा,बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी ऊर्जा आपूर्ति का मजबूत आधार तैयार करेगा।
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने इन प्रोजेक्ट्स को लेकर गहरी संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अब देश की विकासगाथा में एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है और अदाणी समूह इसका हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने बताया कि 3,200 मेगावाट का थर्मल पावर प्रोजेक्ट और 2,700 मेगावाट का पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट मिलकर न केवल निजी क्षेत्र द्वारा ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे सबसे बड़े निवेश का उदाहरण हैं,बल्कि यह कदम ऊर्जा सुरक्षा,औद्योगिक विकास और लाखों लोगों की आजीविका को मजबूती प्रदान करेगा। गौतम अदाणी के अनुसार,यह निवेश फरवरी 2024 में की गई उस प्रतिबद्धता के अनुरूप है,जिसमें उन्होंने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिए 50,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना का ऐलान किया था।
उन्होंने आगे कहा कि अदाणी समूह का दृष्टिकोण केवल ऊर्जा उत्पादन तक सीमित नहीं है,बल्कि इसका उद्देश्य स्थानीय समुदायों के विकास,रोजगार सृजन और पर्यावरणीय रूप से स्थायी ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना है। उनका कहना है कि ये प्रोजेक्ट्स असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे और भारत की ऊर्जा परिवर्तन यात्रा को भी गति देंगे।
अदाणी पावर द्वारा स्थापित किए जाने वाले अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल प्लांट को डीबीएफओओ (डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन) मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा। यह मॉडल भारत में ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अपनाए जाने वाले आधुनिक और प्रभावी ढाँचों में से एक माना जाता है। इस प्रोजेक्ट के लिए कोयले की आपूर्ति भारत सरकार की शक्ति नीति के तहत सुनिश्चित की गई है,जिससे ईंधन उपलब्धता में कोई बाधा नहीं आएगी।
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि अदाणी पावर इस प्रोजेक्ट के लिए हुई प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में सफल बोलीदाता के रूप में उभरी है। कंपनी ने 6.30 रुपये प्रति यूनिट की न्यूनतम दर की पेशकश की,जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार किया। इस दर को असम के ऊर्जा उपभोक्ताओं के लिए प्रतिस्पर्धी और व्यावहारिक माना जा रहा है,जिससे राज्य की ऊर्जा लागत में भी स्थिरता आएगी।
असम में बनने वाले इस थर्मल पावर प्लांट और पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स का सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव रोजगार सृजन के क्षेत्र में देखने को मिलेगा। निर्माण चरण के दौरान इन दोनों प्रोजेक्ट्स से 20,000 से 25,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। वहीं,संचालन चरण में लगभग 3,500 स्थायी नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद है। इससे स्थानीय युवाओं को बड़े स्तर पर रोजगार मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
इन प्रोजेक्ट्स को दिसंबर 2030 से चरणबद्ध तरीके से चालू करने की योजना है। इसका अर्थ है कि अगले 6 वर्षों में असम के ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे। राज्य को न केवल बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी,बल्कि ग्रिड स्थिरता और ऊर्जा भंडारण क्षमता भी मजबूत होगी,जो नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग के लिए आवश्यक है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा विकसित किए जा रहे पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को भी विशेष महत्व दिया जा रहा है। पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स ऊर्जा भंडारण के सबसे भरोसेमंद तरीकों में से एक माने जाते हैं। इससे नवीकरणीय ऊर्जा की अनियमितता को नियंत्रित कर ऊर्जा आपूर्ति को स्थिर और सुचारू बनाया जा सकेगा।
इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से असम न केवल अपने ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करेगा,बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र भर को भी ऊर्जा आपूर्ति का एक मजबूत केंद्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यह निवेश राज्य के औद्योगिक ढाँचे को मजबूत करेगा,नए निवेश आकर्षित करेगा और स्थानीय समुदायों में विकास के नए अवसर लेकर आएगा।
अदाणी समूह की यह घोषणा असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होने जा रही है। 63,000 करोड़ रुपये का यह निवेश ऊर्जा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने का वादा करता है,जो आने वाले वर्षों में राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को नई दिशा देगा।

