नई दिल्ली,19 जुलाई (युआईटीवी)- तेलुगु सिनेमा जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और अनोखे अभिनय के लिए मशहूर अभिनेता फिश वेंकट का निधन हो गया है। 53 वर्षीय वेंकट ने हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। लंबे समय से किडनी और लिवर संबंधी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे वेंकट को बीते कई महीनों से डायलिसिस पर रखा गया था। हालत लगातार बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया,लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उनके निधन की खबर ने न केवल तेलुगु बल्कि पूरे दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग को शोक में डुबो दिया है।
तेलंगाना युवा कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम से जुड़े मो. उमर फारूक कुरैशी ने अपने एक्स पोस्ट के जरिए इस दुखद खबर की पुष्टि की। उन्होंने लिखा, “फिश वेंकट (53) का निधन डायलिसिस के दौरान हो गया। उन्होंने अपने करियर में 100 से अधिक फिल्मों में काम किया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करे।” वेंकट के प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई कलाकारों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।
फिश वेंकट का असली नाम मंगलमपल्ली वेंकटेश था,लेकिन उन्हें उनके अनोखे तेलंगाना लहजे और खास अंदाज के कारण ‘फिश वेंकट’ के नाम से लोकप्रियता मिली। तेलुगु फिल्मों में कॉमिक भूमिकाओं के लिए मशहूर वेंकट ने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। उन्होंने सिर्फ हास्य भूमिकाओं तक खुद को सीमित नहीं रखा,बल्कि कई फिल्मों में विलेन के किरदार में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। उनकी लोकप्रिय फिल्मों में ‘गब्बर सिंह’,‘डीजे टिल्लू’,‘बनी’,‘आदी’, ‘अधूर’,‘खुशी’,‘नरकासुर’,‘स्लम डॉग हसबैंड’ और ‘कॉफी विद अ किलर’ जैसी हिट फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों में उनकी मौजूदगी ने दर्शकों को खूब हँसाया और साथ ही कई बार उनके खलनायकी अवतार ने लोगों को चौंकाया भी।
फिश वेंकट उन चुनिंदा अभिनेताओं में से थे,जिन्होंने कॉमिक टाइमिंग और अनोखे डायलॉग्स की वजह से अपनी अलग पहचान बनाई। उनका अभिनय और खास अंदाज उन्हें साउथ फिल्म इंडस्ट्री के अन्य हास्य कलाकारों से अलग करता था। उनके संवादों में जिस सहजता और ऊर्जा का संचार होता था,वह दर्शकों को हँसी के साथ-साथ उनसे जुड़ाव का एहसास कराता था। यही वजह है कि वेंकट की तुलना कई बार मशहूर अभिनेता रामी रेड्डी से की जाती थी,जिनका चेहरा वेंकट से काफी मेल खाता था।
वेंकट का करियर बड़े सितारों के साथ काम करने के लिए भी याद किया जाएगा। उन्होंने पवन कल्याण,अल्लू अर्जुन,रवि तेजा और नागार्जुन जैसे तेलुगु सुपरस्टार्स के साथ कई फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों में उनके किरदार छोटे होते हुए भी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में सफल रहते थे।
फिश वेंकट के निधन ने जहाँ उनके प्रशंसकों को गहरा दुख दिया है,वहीं उनके परिवार ने उनके इलाज के दौरान भारी आर्थिक परेशानियों का सामना किया। उनकी बेटी श्रावंती ने इलाज के लिए सार्वजनिक तौर पर 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की अपील की थी। इस कठिन समय में बाहुबली स्टार प्रभास उनकी मदद के लिए आगे आए और किडनी ट्रांसप्लांट के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का वादा किया। हालाँकि,तमाम कोशिशों के बावजूद वेंकट की हालत में सुधार नहीं हुआ और उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली।
फिश वेंकट का योगदान केवल एक अभिनेता के रूप में नहीं,बल्कि एक ऐसे कलाकार के रूप में याद किया जाएगा,जिसने सिनेमा को लोगों को हँसाने और सोचने का माध्यम बनाया। उनके संवाद,उनकी हँसी और उनका अनोखा अंदाज हमेशा साउथ सिनेमा प्रेमियों की यादों में जिंदा रहेगा।
तेलुगु सिनेमा में उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है। जिस तरह उन्होंने फिल्मों में छोटे-छोटे रोल से शुरुआत कर हास्य जगत में अपनी अलग पहचान बनाई,वह आने वाले कलाकारों के लिए प्रेरणा है। फिश वेंकट ने साबित किया कि चाहे किरदार छोटा हो या बड़ा,सच्ची मेहनत और अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता जा सकता है। उनका जाना न केवल तेलुगु सिनेमा के लिए,बल्कि उन सभी प्रशंसकों के लिए एक बड़ा झटका है जिन्होंने उन्हें पर्दे पर देखकर हमेशा मुस्कान बिखेरी।
फिश वेंकट की अंतिम यात्रा के लिए उनके चाहने वालों की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसकों और साथी कलाकार लगातार उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनके शानदार करियर और जीवंत व्यक्तित्व को याद कर रहे हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग और संवाद अदायगी लंबे समय तक दर्शकों की यादों में जीवित रहेगी।