दिल्ली कार ब्लास्ट के आरोपी उमर मोहम्मद का घर ध्वस्त (तस्वीर क्रेडिट@Warlock_Shubh)

दिल्ली कार ब्लास्ट के आरोपी उमर मोहम्मद का घर ध्वस्त,पुलवामा में सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली/पुलवामा,14 नवंबर (युआईटीवी)- दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार ब्लास्ट की जाँच तेज़ी से आगे बढ़ रही है और इसी क्रम में सुरक्षा बलों ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी उमर मोहम्मद उर्फ उमर उन नबी के घर को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई को रात के समय एक विशेष अभियान के तहत अंजाम दिया गया,जिसके दौरान सुरक्षाबलों ने उसके घर की घेराबंदी कर आईईडी की मदद से मकान को नियंत्रित विस्फोट में नष्ट कर दिया। अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क को कमज़ोर करने और उनके ठिकानों को निष्प्रभावी करने की रणनीति के तहत की गई है।

दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट में उमर उन नबी की केंद्रीय भूमिका सामने आई थी। वह वही व्यक्ति था,जो हुंडई आई-20 कार चला रहा था,जिसमें शक्तिशाली विस्फोटक लगाए गए थे। जाम में फँसी इस कार में अचानक हुए विस्फोट में कम-से-कम 12 लोगों की मौत हो गई थी,जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। डीएनए जाँच के बाद यह पुष्टि हुई कि कार के अंदर मौजूद शव उमर उन नबी का ही था,जिससे यह साफ हो गया कि वह घटना के समय वाहन में ही मौजूद था। इससे पहले भी कई सीसीटीवी फुटेज में उमर को कार चलाते हुए देखा गया था,जो विभिन्न स्थानों पर उसकी गतिविधियों का स्पष्ट प्रमाण थे।

जाँच एजेंसियों के अनुसार उमर विस्फोट से पहले दिल्ली के कई हिस्सों में घूमता रहा था। उसे कनॉट प्लेस के आउटर सर्कल में दोपहर करीब 2.05 बजे देखा गया था,जब वह विस्फोटकों से लदी कार को बेहद व्यस्त इलाके से निकाल रहा था। उसके बाद वह मयूर विहार की तरफ गया और फिर लाल किला क्षेत्र में पहुँचा,जहाँ कुछ ही देर बाद ब्लास्ट हुआ। एक अन्य फुटेज में वह एक मस्जिद में दाखिल होता दिखाई दिया,जहाँ उसने कुछ समय बिताया। सुरक्षा एजेंसियाँ यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस दौरान वह किसी से मिला या अंतिम समय में किसी संपर्क में आया।

उमर मोहम्मद के नेटवर्क की जाँच करते हुए एजेंसियों ने पाया कि उसके कनेक्शन फरीदाबाद के धौज स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे,जहाँ वह डॉक्टर के तौर पर काम करता था। इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ा डॉक्टर मुजम्मिल फरीदाबाद में गिरफ्तार किया गया था,जिसके ठिकाने से लगभग 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुए थे। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलने के बाद एजेंसियों को शक है कि यह मॉड्यूल देश के अलग-अलग हिस्सों में कई बड़े कार ब्लास्ट की योजना पर काम कर रहा था। सूत्रों के अनुसार यह आतंकी मॉड्यूल एक श्रृंखला में कार बम विस्फोटों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था,लेकिन दिल्ली घटना के तुरंत बाद शुरू हुई व्यापक जाँच ने इसकी योजनाओं को उजागर कर दिया और कई हमलों को रोका जा सका।

पुलवामा में उमर के घर को गिराने का निर्णय इसलिए लिया गया,ताकि उसके ठिकाने का उपयोग कोई अन्य आतंकी तत्व न कर सके और यह भी साबित किया जा सके कि आतंकी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की संपत्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मकान को एक नियंत्रित विस्फोट के माध्यम से ध्वस्त किया गया,जिससे आसपास के क्षेत्र को नुकसान न पहुँचे। इस अभियान के दौरान पूरे इलाके की घेराबंदी की गई थी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी गई।

इस पूरी घटना ने एक बार फिर दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक दिल्ली-एनसीआर तक कैसे पहुँचा और किस तरह कार में लगाया गया—इन सवालों की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। एनआईए की टीमें इस मामले में कई जगह छापेमारी कर चुकी हैं और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सबूतों,फोन रिकॉर्ड्स और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण कर रही हैं। एजेंसी उमर के संपर्कों,फंडिंग के स्रोतों और इस मॉड्यूल के पीछे काम करने वाले बड़े आतंकी नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।

अधिकारियों का मानना है कि दिल्ली कार ब्लास्ट कोई अकेली घटना नहीं बल्कि एक बड़े,संगठित और योजनाबद्ध नेटवर्क का हिस्सा था,जिसका मकसद देश की राजधानी को भारी नुकसान पहुँचाना था। उमर के मारे जाने,उसके घर के नष्ट होने और उसके नेटवर्क की लगातार गिरफ़्तारियों से जाँच एजेंसियों को उम्मीद है कि इस मॉड्यूल की पूरी जड़ें जल्द उजागर हो जाएँगी।

फिलहाल,एनआईए इस पूरे मामले की गहराई से जाँच कर रही है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासों की उम्मीद की जा रही है। दिल्ली में हुए इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को नई चुनौतियाँ पेश की हैं,लेकिन अब लगातार की जा रही ठोस कार्रवाइयों से यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।