नई दिल्ली,13 नवंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किए गए एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन (ईपीएम) से भारत के सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को नई ताकत मिलेगी और देश की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मिशन न केवल भारत के निर्यात ढाँचे को मजबूत करेगा,बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की पहचान को विश्व मंच पर और अधिक प्रभावशाली बनाएगा।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में लिखा, “केंद्रीय कैबिनेट ने एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन को मंजूरी दी है,जो भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाएगा और एमएसएमई,प्रथम बार निर्यात करने वाले उद्योगों तथा अधिक श्रम-आधारित सेक्टरों को मजबूती प्रदान करेगा। यह प्रमुख पक्षकारों को एकजुट कर एक ऐसा परिणाम-आधारित तंत्र तैयार करेगा जो प्रभावी और व्यापक दोनों होगा।” उन्होंने कहा कि इस मिशन से ‘मेड इन इंडिया’ की गूँज अब विश्व बाजार में और अधिक तेज़ी से सुनाई देगी।
मोदी सरकार का यह मिशन भारत के निर्यात क्षेत्र को एक समग्र,लचीला और डिजिटल रूप से सक्षम ढाँचा प्रदान करेगा। इसके तहत निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी,जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हो और घरेलू उद्योगों को प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करे। यह योजना वित्त वर्ष 2025-26 से लेकर 2030-31 तक पाँच वर्षों के लिए लागू रहेगी और इसके लिए 25,060 करोड़ रुपए का कुल परिव्यय निर्धारित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन को आत्मनिर्भर भारत के विज़न का महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक सप्लाई चेन का एक विश्वसनीय भागीदार बनना चाहता है और इसके लिए जरूरी है कि हमारे उत्पाद न केवल गुणवत्ता में बेहतर हों,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में भी सक्षम हों। एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन इसी दिशा में एक बड़ा कदम है,जो भारतीय उद्योगों,खासकर एमएसएमई को आवश्यक सहयोग और सुरक्षा प्रदान करेगा।
मोदी सरकार ने इसके साथ ही क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एक्सपोर्टर्स को भी मंजूरी दी है, जिससे निर्यातकों को सस्ती और सुलभ ऋण सुविधा मिल सकेगी। इस योजना के तहत नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य ऋण संस्थानों (एमएलआई) को 100 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी कवरेज उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पात्र निर्यातकों,विशेषकर एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों को लगभग 20,000 करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त ऋण सुविधा मिल सकेगी।
पीएम मोदी ने इस स्कीम पर अपनी दूसरी पोस्ट में लिखा, “निर्यातकों के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम,जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है, वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगी, सुचारू व्यावसायिक संचालन सुनिश्चित करेगी और आत्मनिर्भर भारत के हमारे सपने को साकार करने में मदद करेगी।” उन्होंने कहा कि इस योजना से छोटे उद्योगों को वित्तीय सुरक्षा और आत्मविश्वास मिलेगा,जिससे वे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों का विस्तार कर सकेंगे।
सरकार के अनुसार, एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन देश के निर्यात परिदृश्य में एक समग्र बदलाव लाने की क्षमता रखता है। यह न केवल उत्पादकता और गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेगा,बल्कि फर्स्ट-टाइम एक्सपोर्टर्स — यानी जो पहली बार निर्यात कर रहे हैं को भी सही दिशा में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगा। यह मिशन ऐसे सेक्टरों पर फोकस करेगा जिनमें श्रम की अधिक आवश्यकता होती है,ताकि निर्यात के साथ-साथ रोजगार सृजन भी हो सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी सरकार का यह कदम भारत की आर्थिक स्थिरता को और मजबूती देगा। वैश्विक स्तर पर व्यापारिक अनिश्चितताओं के बीच,भारत का उद्देश्य अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक लचीला,स्थिर और भरोसेमंद बनाना है। इस मिशन से न केवल भारत के निर्यात उत्पादों की पहचान मजबूत होगी,बल्कि घरेलू उद्योगों को भी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कैबिनेट के ये निर्णय स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इससे देश की सप्लाई चेन मजबूत होगी,निर्यात बढ़ेगा और लाखों लोगों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ‘मेड इन इंडिया’ का टैग दुनिया भर में गुणवत्ता और विश्वास का प्रतीक बने। इसके लिए सरकार न केवल नीतिगत सहयोग दे रही है,बल्कि छोटे उद्योगों को वित्तीय और तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रही है।”
भारत का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचाने का है। ऐसे में यह एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन देश को उस दिशा में आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है। मोदी सरकार का मानना है कि जब एमएसएमई सेक्टर मजबूत होगा,तभी भारत की निर्यात अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।
अंततः, प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा ने भारतीय व्यापार जगत में उत्साह का माहौल बना दिया है। उद्योग जगत ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे न केवल निर्यातकों को नई ऊर्जा मिलेगी,बल्कि भारत का वैश्विक व्यापारिक प्रभाव भी और अधिक बढ़ेगा। ‘मेड इन इंडिया’ को नई उड़ान देने वाले इस मिशन से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में भारत दुनिया की अग्रणी निर्यातक अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह और मजबूत करेगा।

