भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज अब 'तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी' के नाम से (तस्वीर क्रेडिट@dramitmanohar)

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज अब ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ के नाम से,पटौदी ट्रॉफी को लेकर विवाद के बीच बीसीसीआई का बड़ा फैसला

नई दिल्ली,20 जून (युआईटीवी)- भारतीय क्रिकेट में एक ऐतिहासिक बदलाव करते हुए भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाली टेस्ट सीरीज को अब एक नए नाम से जाना जाएगा। अब यह प्रतिष्ठित टेस्ट सीरीज ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ के लिए खेली जाएगी। पहले इस श्रृंखला को ‘पटौदी ट्रॉफी’ के नाम से जाना जाता था,जो पूर्व भारतीय कप्तान मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान में रखी गई थी।

हालाँकि,आगामी पाँच टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत से ठीक पहले,इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और बीसीसीआई ने इस ट्रॉफी का नाम बदलने का फैसला लिया। इस कदम के पीछे दोनों देशों के दो महान खिलाड़ियों- भारत के सचिन तेंदुलकर और इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन को एक साथ सम्मान देना है।

इस नई ट्रॉफी का अनावरण 19 जून (गुरुवार) को किया गया,जिसकी तस्वीर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने सोशल मीडिया पर साझा की। इस पोस्ट में ट्रॉफी के साथ सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन की एक विशेष तस्वीर भी शामिल की गई,जिससे यह साफ हो गया कि दोनों दिग्गजों के नाम पर इस ट्रॉफी का नामकरण किया गया है।

सचिन तेंदुलकर को जहाँ क्रिकेट का भगवान कहा जाता है,वहीं जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल तेज गेंदबाजों में शुमार हैं। इन दोनों दिग्गजों के बीच मैदान पर भी कई यादगार मुकाबले हुए हैं,जिससे इस ट्रॉफी का नाम और भी अर्थपूर्ण बनता है।

इस ट्रॉफी का नाम बदलने के फैसले से पटौदी परिवार और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में नाराजगी देखी गई। मंसूर अली खान पटौदी भारतीय क्रिकेट के एक गौरवशाली कप्तान थे,जिन्होंने न केवल भारत को विदेशों में जीत दिलवाई बल्कि टीम इंडिया को आत्मविश्वास भी दिया।

इसी सम्मान में इस ट्रॉफी का नाम उनके नाम पर रखा गया था,लेकिन अब इसे बदलकर ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ कर दिया गया,जिससे क्रिकेट प्रेमियों और पटौदी परिवार को ठेस पहुँची।

हालात की गंभीरता को समझते हुए सचिन तेंदुलकर ने इस विवाद में खुद हस्तक्षेप किया। उन्होंने बीसीसीआई और ईसीबी से अनुरोध किया कि पटौदी जी की विरासत को सीरीज में किसी रूप में बनाए रखा जाए।

सचिन की पहल पर दोनों बोर्ड ने एक संतुलित रास्ता निकाला। अब से टेस्ट सीरीज की विजेता टीम को ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ मिलेगी,जबकि विजेता कप्तान को ‘पटौदी मेडल’ से सम्मानित किया जाएगा। यह फैसला उन सभी को संतुष्ट करता है जो मंसूर अली खान पटौदी के सम्मान को अक्षुण्ण बनाए रखने की माँग कर रहे थे।

दरअसल, ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ का अनावरण पहले 14 जून को वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2023-25 के फाइनल के दौरान होना था,लेकिन इस कार्यक्रम में देरी हुई,जिसकी वजह रही अहमदाबाद में हुआ भयावह विमान हादसा।

इस हादसे में एयर इंडिया के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से 241 यात्रियों की मौत हुई,जिनमें 53 ब्रिटिश नागरिक भी शामिल थे। यह विमान लंदन के लिए रवाना हुआ था,लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुर्घटना के कारण कई आधिकारिक कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा,जिनमें ट्रॉफी का अनावरण भी शामिल था।

20 जून से शुरू हो रही यह टेस्ट सीरीज अब ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ के नाम से जानी जाएगी,जो भारतीय और अंग्रेज़ क्रिकेट इतिहास की दो महान हस्तियों को सम्मान देने का प्रयास है।

यह ट्रॉफी न केवल मैदान पर खिलाड़ियों के संघर्ष का प्रतीक होगी,बल्कि यह क्रिकेट के इतिहास,परंपरा और समर्पण की भावना को भी दर्शाएगी। सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन दोनों की खेल के प्रति निष्ठा,अनुशासन और योगदान को देखते हुए यह निर्णय बेहद उपयुक्त लगता है।

भारत और इंग्लैंड की क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता दशकों पुरानी है। अब जब यह श्रृंखला ‘तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी’ के नाम से खेली जाएगी,तो इसमें एक नई ऐतिहासिक परत जुड़ जाएगी। हालाँकि,पटौदी ट्रॉफी को लेकर विवाद हुआ,लेकिन बीसीसीआई और ईसीबी के संतुलित समाधान ने एक नई परंपरा को जन्म दिया,जिसमें विरासत और आधुनिकता दोनों का सम्मान है।

क्रिकेट प्रेमी इस बदलाव को भविष्य में एक सकारात्मक पहल के रूप में देख सकते हैं,जहाँ दिग्गजों को सम्मान देने के साथ-साथ अतीत की विरासत को भी सहेजा गया है।

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का पूरा शेड्यूल:

* पहला टेस्ट: 20 जून से 24 जून, 2025- हेडिंग्ले,लीड्स

* दूसरा टेस्ट: 2 जुलाई से 6 जुलाई, 2025- एजबेस्टन, बर्मिंघम

* तीसरा टेस्ट: 10 जुलाई से 14 जुलाई, 2025- लॉर्ड्स, लंदन

* चौथा टेस्ट: 23 जुलाई से 27 जुलाई,2025- ओल्ड ट्रैफर्ड, मैनचेस्टर

* पाँचवां टेस्ट: 31 जुलाई से 4 अगस्त, 2025- द ओवल,लंदन