कानुपर, 20 जून (युआईटीवी/आईएएनएस)| कानपुर पुलिस ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी शिवम दुबे के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया है।
शिवम, गैंगस्टर विकास दुबे के साथ, बिकरू नरसंहार में कथित रूप से शामिल था, जिसमें पिछले साल 3 जुलाई को आठ पुलिस कर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये घटना तब हुई थी जब वे गैंगस्टर को गिरफ्तार करने गए थे।
एनएसए के तहत, यदि अधिकारियों को लगता है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून और व्यवस्था के लिए खतरा है, तो किसी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है।
पुलिस ने कहा की शिवम के खिलाफ पिछले साल 3 जुलाई की रात बिकरू गोलीबारी के संबंध में आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 302, 307, 394, 120 बी और 7 सीएलए अधिनियम और 3 और 25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। उसको स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा 23 जुलाई को चौबेपुर में एक डिटर्जेंट फैक्ट्री के पास से गिरफ्तार किया गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी), एसटीएफ, विशाल विक्रम सिंह ने तब कहा था कि शिवम इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के अनुसार घात के दिन मौजूद था और साथ ही गिरोह के अन्य सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों को भी पहले गिरफ्तार किया गया था।
शिवम ने हरदोई में अपनी मौसी के यहां शरण ली थी। उसके पास से पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई डबल बैरल बंदूक भी बरामद की गई है।
अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) भानु भास्कर ने कहा कि जिलाधिकारी (कानपुर नगर) ने बिकरू नरसंहार मामले के एक आरोपी शिवम दुबे के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने का आदेश दिया है।
शिवम, विकास का चचेरा भाई, विकास का बहुत करीबी सहयोगी था। वह गांव में मारे गए गैंगस्टर के मछली तालाबों की देखभाल करता था।
पुलिस ने कहा था कि विकास 10 जुलाई की सुबह एक मुठभेड़ में मारा गया था, जब उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही एक पुलिस की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसने सचेंडी के भौटी इलाके में मौके से भागने की कोशिश की थी।
दुबे की मुठभेड़ से पहले उनके पांच कथित सहयोगी अलग अलग मुठभेड़ में मारे गए थे, जबकि दो पुलिसकर्मियों और चार महिलाओं समेत 36 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

