नई दिल्ली,13 अगस्त (युआईटीवी)- राजस्थान के दौसा जिले में हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया। यह हादसा दौसा-मनोहरपुर रोड पर बापी के पास उस समय हुआ,जब खाटू श्याम जी के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालु पिकअप वाहन से अपने घरों की ओर जा रहे थे। अचानक उनकी पिकअप और एक तेज रफ्तार कंटेनर के बीच भीषण टक्कर हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और कई श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई। इस हादसे में कुल 11 लोगों की जान चली गई,जिनमें 7 महिलाएँ और तीन मासूम बच्चे शामिल हैं। दस लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया,जबकि एक महिला ने अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। इस घटना में कई श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं,जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पीएम मोदी का बयान साझा करते हुए लिखा, “राजस्थान के दौसा में हुए हादसे में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूँ। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है,उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।” प्रधानमंत्री ने इस हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की।
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दौसा में हुए भीषण सड़क हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि यह जनहानि अत्यंत दुखद है और जिला प्रशासन को घायलों के त्वरित व समुचित उपचार के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन और पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुँचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया।
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने भी हादसे पर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए लिखा, “दौसा-मनोहरपुर रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे में जनहानि का समाचार अत्यंत दुःखद एवं पीड़ादायक है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें व शोकाकुल परिवारों को इस असहनीय दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें। हादसे में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूँ।”
Deeply saddened by the loss of lives in an accident in Dausa, Rajasthan. Condolences to the families who have lost their loved ones. Praying for the speedy recovery of the injured.
An ex-gratia of Rs. 2 lakh from PMNRF would be given to the next of kin of each deceased. The…
— PMO India (@PMOIndia) August 13, 2025
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,पिकअप में सवार श्रद्धालु खाटू श्याम जी के मंदिर में दर्शन कर अपने घरों की ओर लौट रहे थे। बापी के पास एक तेज रफ्तार कंटेनर ने अचानक सामने से आकर पिकअप को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पिकअप के परखच्चे उड़ गए और कई लोग वाहन में ही फँस गए। हादसे के तुरंत बाद आसपास के लोग मौके पर पहुँचे और फँसे हुए लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की। सूचना मिलते ही पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुँची और घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया।
दुर्घटना के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। जिन परिवारों के सदस्य इस हादसे में मारे गए,उनके घरों में मातम पसरा है। कई परिवारों ने एक साथ अपने कई प्रियजनों को खो दिया,जिससे उनका दर्द और भी गहरा हो गया है। प्रशासन ने मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं और घायलों का इलाज पूरी तत्परता से किया जा रहा है।
यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार वाहनों से होने वाले खतरों की ओर ध्यान आकर्षित करता है। राजस्थान में हाल के वर्षों में सड़क हादसों में लगातार वृद्धि देखी गई है,जिसमें अधिकतर मामले लापरवाह ड्राइविंग और तेज गति के कारण होते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त यातायात नियमों के पालन और वाहनों की नियमित जाँच जरूरी है। साथ ही,ग्रामीण और हाइवे मार्गों पर गति सीमा का सख्ती से पालन कराना भी आवश्यक है।
दौसा हादसे ने पूरे प्रदेश को गमगीन कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। हादसे में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामनाएँ की जा रही हैं और प्रशासन को उनके बेहतर इलाज के निर्देश दिए गए हैं। इस भीषण सड़क दुर्घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी सड़क सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है कि मासूम जानें इस तरह की घटनाओं में यूँ ही खत्म हो जाती हैं। अब देखना यह होगा कि इस हादसे के बाद राज्य और केंद्र सरकारें सड़क सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर पहल करती हैं,ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।