झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

154 दिनों के बाद हेमंत सोरेन फिर से बने झारखंड के मुख्यमंत्री,राज्यपाल ने दिलाई शपथ

राँची,4 जुलाई (युआईटीवी)- 154 दिनों के बाद हेमंत सोरेन ने पुनः आज शाम 4:55 बजे झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण का एक साधारण समारोह का आयोजन राजभवन में किया गया,जहाँ उन्हें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

7 जुलाई या किसी और दिन कैबिनेट के बाकी मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। निवर्तमान सीएम चंपई सोरेन,झारखंड कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर समेत इंडिया गठबंधन की झारखंड इकाई के शीर्ष नेता भी इस शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।

ईडी ने 31 जनवरी 2024 को हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। हेमंत सोरेन ने सीएम पद से उसी रात 8:30 बजे इस्तीफा दिया था और मंत्रिमंडल में शामिल रहे चंपई सोरेन ने उनकी जगह 2 फरवरी को मुख्यमंत्री पद संभाला था।


हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से 28 जून को जमानत मिली और उन्होंने जेल से बाहर आने के सातवें दिन ही एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली है। मुख्यमंत्री के रूप में उनका यह तीसरा कार्यकाल है। वे पहली बार 13 जुलाई 2013 को मुख्यमंत्री बने थे और 28 दिसंबर 2014 तक उनका कार्यकाल रहा था। दूसरी बार वे 2019 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सीएम पद की शपथ ली थी।

हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी की राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए वाली फाइल फोटो को शपथ लेने के करीब दो घंटे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है और कैप्शन दिया कि, हर अन्याय को मालूम है कि उसे एक दिन न्याय परास्त करेगा। जय झारखंड।

बुधवार शाम 7:15 बजे झारखंड के तत्कालीन सीएम चंपई सोरेन ने राजभवन पहुँचकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा था। इसके साथ ही नई सरकार के लिए दावा पेश करते हुए सत्तारूढ़ गठबंधन के नए नेता हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को 45 विधायकों के समर्थन का पत्र दिया था। इसके बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार दोपहर करीब 1:30 बजे हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए सरकार बनाने का आमंत्रण दिया था।

हेमंत सोरेन ने झारखंड के 13वें सीएम के रूप में शपथ ग्रहण एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी कर कहा है कि रुके हुए विकास कार्यों को उनकी सरकार गति देगी। उन्होंने कहा कि मैं आज फिर से आपके सामने हूँ। मुझे आप सब लोगों ने वर्ष 2019 में राज्य को एक दिशा देने के लिए और आपकी सेवा करने का अवसर दिया। लेकिन,यह षड्यंत्रकारियों को सहन नहीं हुआ कि इतने ऊँचे पद एक आदिवासी नौजवान रहे। आखिरकार,बेबुनियाद आरोपों पर झूठे मुकदमे बनाकर इन लोगों ने मुझे 31 जनवरी को मुख्यमंत्री के पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया।

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