मॉन्ट्रियल,8 अगस्त (युआईटीवी)- कनाडा की टेनिस सनसनी विक्टोरिया म्बोको ने अपने घरेलू दर्शकों के सामने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। 18 साल की इस युवा खिलाड़ी ने कैनेडियन ओपन महिला एकल खिताब जीतकर न केवल अपने करियर का सबसे बड़ा ट्रॉफी उठाया,बल्कि दुनिया भर के टेनिस प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। वाइल्डकार्ड से टूर्नामेंट में उतरी म्बोको ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जापान की चार बार की ग्रैंड स्लैम विजेता नाओमी ओसाका को 2-6, 6-4, 6-1 से हराकर खिताब जीत लिया।
फाइनल में म्बोको की शुरुआत कमजोर रही,जहां उन्होंने दबाव में पहला सेट 2-6 से गंवा दिया। ओसाका की तेज सर्विस और आक्रामक खेल ने उन्हें शुरुआती बढ़त दिलाई,लेकिन दूसरे सेट में म्बोको ने शानदार वापसी करते हुए आक्रामकता और सटीकता का बेहतरीन मेल दिखाया और 6-4 से जीतकर स्कोर बराबर कर दिया। निर्णायक तीसरे सेट में उन्होंने पूरी तरह नियंत्रण हासिल करते हुए 6-1 से जीत दर्ज की। यह जीत उनके करियर का सबसे बड़ा पल साबित हुई और दर्शकों के लिए भावनात्मक क्षण भी,क्योंकि उन्होंने अपने ही देश में खिताब जीतकर इतिहास रच दिया।
इस जीत के साथ ही म्बोको ने अपनी रैंकिंग में जबरदस्त छलांग लगाई। टूर्नामेंट से पहले वह डब्ल्यूटीए रैंकिंग में 85वें स्थान पर थीं,लेकिन खिताब जीतने के बाद वह 25वें स्थान पर पहुँच गईं,जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है। इसके साथ ही उन्हें इस महीने के अंत में न्यूयॉर्क में होने वाले ग्रैंड स्लैम में पहली वरीयता भी दी जाएगी। 2019 के बाद यह पहली बार है,जब किसी कनाडाई महिला खिलाड़ी ने कैनेडियन ओपन जीता है। पिछली बार यह उपलब्धि बियांका एंड्रीस्कू ने हासिल की थी।
म्बोको की यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक है। वह 1990 में इस प्रारूप की शुरुआत के बाद से टियर I ‘डब्ल्यूटीए 1000’ खिताब जीतने वाली दूसरी सबसे कम रैंकिंग वाली खिलाड़ी बन गई हैं। इसके अलावा,वह 2009 के बाद से ‘डब्ल्यूटीए 1000’ इवेंट में खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं। साथ ही,1995 में मोनिका सेलेस के बाद म्बोको नेशनल बैंक ओपन जीतने वाली दूसरी वाइल्डकार्ड खिलाड़ी बनी हैं।
टूर्नामेंट के सफर में म्बोको ने सोफिया केनिन,कोको गॉफ,एलेना रयबाकिना और नाओमी ओसाका जैसी टेनिस जगत की दिग्गज खिलाड़ियों को हराया। गॉफ और रयबाकिना को क्रमशः पहली और तीसरी वरीयता प्राप्त थी,जबकि ओसाका एक अनुभवी ग्रैंड स्लैम चैंपियन हैं। इन सभी को हराना म्बोको के खेल कौशल और मानसिक मजबूती का प्रमाण है। वह ओपन एरा में एक ही डब्ल्यूटीए इवेंट में चार पूर्व महिला एकल ग्रैंड स्लैम चैंपियन को हराने वाली पहली कनाडाई खिलाड़ी बनीं।
उम्र के लिहाज से भी म्बोको का यह कारनामा अद्वितीय है। वह ओपन एरा में एक ही डब्ल्यूटीए इवेंट में चार ग्रैंड स्लैम चैंपियन को हराने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हैं। उनसे पहले यह उपलब्धि 1999 में सेरेना विलियम्स ने हासिल की थी,जो उस समय टेनिस जगत में अपना नाम बना रही थीं।
म्बोको की जीत ने कनाडा में टेनिस के प्रति उत्साह को नई ऊर्जा दी है। मैच के बाद उन्होंने भावुक होकर कहा कि अपने घर में,अपने परिवार,दोस्तों और देशवासियों के सामने यह जीत उनके लिए बेहद खास है। उन्होंने यह भी बताया कि पहले सेट के बाद उन्होंने खुद से कहा कि यह मैच अभी खत्म नहीं हुआ है और उन्हें अपनी पूरी ताकत लगानी होगी। उनकी यह मानसिक दृढ़ता फाइनल में उनकी सबसे बड़ी ताकत साबित हुई।
नाओमी ओसाका,जो मातृत्व अवकाश के बाद वापसी कर रही हैं,ने भी म्बोको के खेल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि म्बोको ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया और भविष्य में वह टेनिस की सबसे बड़ी स्टार्स में से एक बन सकती हैं। ओसाका ने यह भी स्वीकार किया कि निर्णायक सेट में म्बोको का खेल उनके लिए संभालना मुश्किल हो गया था।
म्बोको की यह ऐतिहासिक जीत उनके करियर के लिए एक नया अध्याय खोलती है। कनाडा में पहले से ही बियांका एंड्रीस्कू और लेयला फर्नांडीज़ जैसी युवा खिलाड़ी टेनिस में अपनी पहचान बना चुकी हैं और अब म्बोको का नाम भी इस सूची में मजबूती से जुड़ गया है। उनकी सफलता आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
कनाडाई दर्शकों ने जिस तरह म्बोको को समर्थन दिया,उसने भी इस जीत को खास बना दिया। कोर्ट पर हर अंक के बाद गूँजते तालियों और जयकारों ने उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा दी। यह टूर्नामेंट म्बोको के लिए केवल एक ट्रॉफी जीतने का अवसर नहीं था,बल्कि यह साबित करने का भी मौका था कि वह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ दबाव के क्षणों में जीत हासिल कर सकती हैं।
अब सभी की निगाहें न्यूयॉर्क के ग्रैंड स्लैम पर होंगी,जहाँ म्बोको को पहली वरीयता के साथ उतरते हुए देखा जाएगा। अगर वह वहाँ भी इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखती हैं,तो टेनिस जगत जल्द ही उन्हें शीर्ष पर देख सकता है। उनकी यह जीत न केवल उनके करियर की दिशा बदल सकती है,बल्कि महिला टेनिस में नए युग की शुरुआत का संकेत भी दे सकती है।