फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट के जरिए लोगों को ठगने के आरोप में 2 गिरफ्तार

नई दिल्ली, 24 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) ने दो लोगों की गिरफ्तारी के साथ फर्जी ई-मेल के जरिए भोले-भाले लोगों को ठगने में शामिल एक अखिल भारतीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रवि अरोड़ा और दिनेश शर्मा के रूप में हुई है।

हाल ही में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तरह की धोखाधड़ी से संबंधित विभिन्न कंपनियों द्वारा दायर लगभग 28 रिट याचिकाओं को एक साथ रखा और इन मामलों की जांच का काम आईएफएसओ को सौंपा।

आईएफएसओ के डीसीपी के.पी.एस. मल्होत्रा ने कहा कि आरोपियों ने कई नाम से नकली व्यावसायिक वेबसाइट बनाई थी और पूरे भारत में भोले-भाले लोगों से लगभग 60 लाख रुपये ठगे।

अधिकारी ने कहा कि कुशल शर्मा नाम के व्यक्ति ने एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उसने आरोप लगाया कि वह इंटरनेट के जरिए एक एयर कंडीशनर (एसी) खरीदने का प्रयास किया, जिसमें धोखा दिया गया।

इसके बाद शर्मा ने वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। उन्होंने एक एलजी एसी खरीदने के लिए डिजिटल वॉलेट के माध्यम से 28,472 रुपये का भुगतान किया। कंपनी के आश्वासन के अनुसार, जब उन्हें निर्धारित समय के भीतर कोई एसी नहीं दिया गया तो उन्होंने वेबसाइट पर दिए गए मोबाइल नंबर पर फिर से संपर्क किया, लेकिन मोबाइल फोन नंबर स्विच ऑफ पाया गया।

मल्होत्रा ने कहा, “एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। अब तक 10 मामले दर्ज किए गए हैं और बड़ी संख्या में बैंक खाते, जिनमें इन जालसाजों को ठगी की रकम मिली है, को फ्रीज कर दिया गया है।”

उच्च न्यायालय ने इन एजेंसियों के बीच समन्वय और सहयोग को सक्षम करने के लिए एनपीसीआई, डीओटी, एमईआईटीवाई और सीईआरटी-इन को आईएफएसओ के अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है।

कुशल शर्मा द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को भी तकनीकी जांच के लिए लिया गया था। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिग पोर्टल का भी विश्लेषण किया गया और कानून की उपयुक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।

जांच के दौरान टीम द्वारा तकनीकी विश्लेषण और वित्तीय ट्रेल विश्लेषण किया गया। तकनीकी विश्लेषण के आधार पर दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में कई छापे मारे गए और आरोपी पकड़े गए।

इसके अलावा, पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि आरोपी प्रसिद्ध ब्रांडों की वेबसाइटों से मेल खाने वाली नकली ई-कॉमर्स वेबसाइटें बनाकर होस्ट करेगा। उन्होंने भोले-भाले ग्राहकों को धोखा देने के लिए वेबसाइटें बनाईं।

मामले में आगे की जांच जारी है।

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