अमित शाह

जम्मू-कश्मीर से जुड़े 2 बिल लोकसभा में हुए पास,गृह मंत्री अमित शाह ने बदलाव के बारे में बताया

नई दिल्‍ली,7 दिसंबर (युआईटीवी)- जम्मू-कश्मीर से जुड़े 2 बिल जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 बुधवार को लोकसभा में पास हो गया है। बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। उन्‍होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर टिप्‍पणी करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू द्वारा की गई दो भूलों पहला, युद्धविराम की घोषणा करना और दूसरा,संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को ले जाने के कारण ‘जम्मू-कश्मीर को नुकसान उठाना पड़ा है। यदि उस समय जवाहरलाल नेहरू ने सही कदम उठाया होता तो कश्मीर का जो हिस्सा अभी पाकिस्तान के कब्जे में है,वह हिस्सा भारत का होता। जवाहरलाल नेहरू ने पूर्व में ऐतिहासिक भूल की थी।

गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही वोट-बैंक की राजनीति करता रहा है। यदि ऐसा न किया होता तो शुरुआत में ही आतंकवाद से निपटा जा सकता था और घाटी को छोड़कर कश्मीरी पंडितों को कहीं नहीं जाना पड़ता।

आगे उन्होंने लोकसभा में पास हुए जम्मू-कश्मीर से जुड़े 2 विधेयक के बारे में कहा कि पिछले 70 वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित लोगों को ये दोनों विधेयक न्याय दिलाएँगे। जिन लोगों को कश्मीर छोड़ना पड़ा था,उन्हें विधानसभा में ये विधेयक प्रतिनिधित्व प्रदान करेंगे। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर पर 1947 में किए गए हमले के बारे में भी कहा। गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आतंकवाद 1990 के दशक में कांग्रेस के समय में फैला है।

जम्मू और कश्मीर के दोनों विधेयकों के बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा जम्मू और कश्मीर पर दो विधेयकों में से एक में विधानसभा में एक महिला सहित दो कश्मीरी प्रवासी समुदाय के सदस्यों को नामांकित करने का प्रावधान है। जम्मू में पूर्व में 37 सीटें थीं, जिसे बढ़ा कर 43 कर दिया है। जबकि कश्मीर में पूर्व में 46 सीटें थीं, जिसे बढ़ा कर 47 कर दिया है।

आगे उन्होंने कहा कि पीओके हमारा है,इसलिए 24 सीटें पीओके में आरक्षित की गई हैं। कश्मीरी प्रवासी समुदाय के सदस्यों के लिए दो सीटें आरक्षित होंगी और पीओके से विस्थापित लोगों के लिए एक सीट आरक्षित होगी। ऐसा होने से विधायिका में विस्थापित लोगों को आवाज मिलेगी। ऐसा पहली बार हुआ है,जब एससी/एसटी समुदायों के लिए नौ सीटें आरक्षित किया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1980 के दशक के बाद आतंकवाद का युग था। इस समय आतंकवाद चरम पर था,जो एक भयावह दृश्य था। इस देश के लोगों को बाहर निकाल दिया गया। उनकी किसी ने भी परवाह नहीं की और न ही किसी ने रोकने की कोशिश की। जो इसे रोकने के लिए उत्तरदायी थे,वे तो छुट्टियों के मजे लेने के लिए इंग्लैंड में थे। आगे उन्होंने दोनों विधेयकों को “नया कश्मीर” विधेयक बताते हुए लोकसभा में कहा कि पिछले 70 वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित लोगों को ये दोनों विधेयक न्याय दिलाएँगे।

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