सिडनी,1 नवंबर (युआईटीवी)- फुटबॉल ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की कि 2034 फीफा पुरुष फुटबॉल विश्व कप के लिए वह बोली नहीं लगाएगा। फुटबॉल ऑस्ट्रेलिया के 2034 फीफा विश्व कप की मेजबानी से पीछे हटने से इसकी मेजबानी के लिए सऊदी अरब का रास्ता साफ़ हो गया है। 2034 फीफा विश्व कप की मेजबानी के लिए सऊदी अरब को बोली लगाने का समर्थन एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) किया है।
फीफा महिला विश्व कप 2023 की सफलतापूर्वक मेजबानी ऑस्ट्रेलिया ने की। जब ऑस्ट्रेलिया की फीफा पुरुष विश्व कप 2034 की मेजबानी की संभावना कम लग रही थी,तब इसकी मेजबानी के लिए बोली लगाने के लिए एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने सऊदी अरब का समर्थन किया। पाँच अक्टूबर को एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने सऊदी अरब की बोली का समर्थन किया था।
एक बयान में फुटबॉल ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि, ” फीफा विश्व कप की मेजबानी के लिए बोली लगाने के बारे में हमने काफी सोचा और सभी हालतों पर विचार करते हुए 2034 फीफा पुरुष फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी से पीछे हटने के निष्कर्ष पर पहुँचे। हमने इसकी मेजबानी के लिए बोली नहीं लगाने का निर्णय लिया।”
🚨🌏 OFFICIAL: World Cup 2034 will be hosted by Saudi Arabia, as president Gianni Infantino has confirmed. 🇸🇦
“Football unites the world like no other sport, World Cup is perfect showcase for a message of unity and inclusion”.
“Different cultures can be together”. pic.twitter.com/ScNJqPzPf7
— Fabrizio Romano (@FabrizioRomano) October 31, 2023
इस महीने की शुरुआत में फीफा ने एशिया और ओशिनिया क्षेत्रों से बोलियाँ आमंत्रित की हैं। ताकि परिसंघ रोटेशन हो सके और विश्व कप के लिए सर्वोत्तम संभावित मेजबानी की स्थिति हासिल किया जा सके।
विश्व कप 2026 की मेजबानी अमेरिका,मैक्सिको और कनाडा करेगा। विश्व कप 2030 टूर्नामेंट की मेजबानी मोरक्को, पुर्तगाल और स्पेन करेंगे। इस विश्व कप टूर्नामेंट के मैच अर्जेंटीना,पैराग्वे और उरुग्वे में भी आयोजित किए जाएँगे। 2034 विश्व कप के बारे में फीफा ने कहा था कि इसका आयोजन एशिया या ओशिनिया में किया जाएगा। सऊदी अरब के लिए सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई बोली चुनौती माना गया था। क्योंकि फीफा के फैसले के तुरंत बाद फुटबॉल ऑस्ट्रेलिया ने बोली लगाने के अपने इरादे की घोषणा की थी।
सऊदी अरब को एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने अपना समर्थन दिया था। लेकिन सऊदी अरब को एक विवादास्पद मेजबान के रूप में देखा जाता है। मानवाधिकारों के उल्लंघन जैसे महिलाओं के अधिकारों का हनन,स्वतंत्र भाषण पर प्रतिबंध,पिछले साल एक दिन में 81 पुरुषों को फाँसी दी गई,समलैंगिकता का अपराधीकरण,यमन में युद्ध इत्यादि के लिए सऊदी अरब को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सऊदी सरकार के बारे में मानवाधिकार प्रचारकों का कहना है कि खेल का इस्तेमाल कर सऊदी सरकार अपने प्रतिष्ठा को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है और उन पर जो मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाकर आलोचना की जा रही है,उसे दूर करने की कोशिश कर रहा है। इस प्रक्रिया को ‘स्पोर्टवॉशिंग’ के रूप में जाना जाता है।
समलैंगिक संबंधों पर कतर का रुख और प्रवासी श्रमिकों के साथ उसके व्यवहार 2022 विश्व कप की मेजबानी के दौरान देखा गया था,उसकी आलोचना की गई थी। गर्मियों में बहुत अधिक गर्मी झेलनी पड़ती,इसलिए 2034 फीफा विश्व कप का आयोजन सर्दियों में किए जाने का निर्णय लिया गया है।
2018 से सऊदी अरब ने कई प्रमुख खेल आयोजनों जैसे-गोल्फ,मुक्केबाजी,फुटबॉल और फॉर्मूला 1 की मेजबानी की है। 2034 फीफा विश्व कप के लिए बोली लगाए जाने के बारे में सऊदी अरब के खेल मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन तुर्की बिन फैसल ने कहा कि, ” फुटबॉल के प्रति जुनूनी देश के रूप में हमारी यात्रा में एक स्वाभाविक और महत्वपूर्ण कदम है।”