शाहरुख खान और काजोल (तस्वीर क्रेडिट@MissMalini)

30 साल बाद ‘डीडीएलजे’ को मिला अंतर्राष्ट्रीय सम्मान: लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर में अनावरण हुई राज–सिमरन की ब्रॉन्ज स्टैच्यू

मुंबई,5 दिसंबर (युआईटीवी)- बॉलीवुड की प्रतिष्ठित और सदाबहार प्रेम कहानियों में शुमार ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएँगे’ (डीडीएलजे) ने अपनी रिलीज के तीन दशक बाद एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। शाहरुख खान और काजोल की सदाबहार जोड़ी राज–सिमरन को अब लंदन के प्रसिद्ध लीसेस्टर स्क्वायर में अमर कर दिया गया है,जहाँ ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ स्टैच्यू ट्रेल के तहत इस जोड़ी की खूबसूरत ब्रॉन्ज प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह पहली बार है,जब किसी भारतीय फिल्म को इस प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय ट्रेल में शामिल किया गया है,जहाँ पहले से ही हॉलीवुड की कई बड़ी हस्तियों की प्रतिमाएँ मौजूद हैं।

फिल्म की 30वीं वर्षगांठ पर मिले इस सम्मान ने न केवल भारतीय सिनेमा की वैश्विक पहचान को मजबूत किया है,बल्कि प्रशंसकों के लिए भी यह गर्व का क्षण बन गया है। लीसेस्टर स्क्वायर को लंदन की सांस्कृतिक धड़कन माना जाता है और यह वह स्थल है,जहाँ हॉलीवुड और ब्रिटिश सिनेमा के प्रतिष्ठित किरदारों को यादगार स्टैच्यू के रूप में जगह दी गई है। अब राज–सिमरन की जोड़ी के शामिल होने से यह स्थान भारतीय दर्शकों के लिए भी और अधिक खास हो गया है।

शाहरुख खान ने इस यादगार पल की तस्वीरें अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा, “बड़े-बड़े देशों में,ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं,सेनोरिटा। लंदन के लीसेस्टर स्क्वायर में राज और सिमरन की ब्रॉन्ज स्टैच्यू का अनावरण करके बहुत खुश हूँ। डीडीएलजे के 30 साल पूरे होने का जश्न।” किंग खान ने आगे लिखा, “बहुत खुशी की बात है कि यह पहली भारतीय फिल्म है,जिसे ‘सीन्स इन द स्क्वायर’ ट्रेल में स्थान मिला। इसे संभव बनाने के लिए यूके में सभी का धन्यवाद। अगर आप लंदन जाएँ,तो ‘राज’ और ‘सिमरन’ से जरूर मिलें। हम चाहेंगे कि आप ‘डीडीएलजे’ के साथ और भी यादें बनाएँ।”

अनावरण की गई प्रतिमा में शाहरुख और काजोल अपने प्रसिद्ध रोमांटिक पोज में नजर आते हैं,जिसने वर्षों से दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई हुई है। यह वही पोज है,जिसने फिल्म के पोस्टर और इस प्रेम कहानी को परिभाषित किया था। लीसेस्टर स्क्वायर पर पहले से ही हैरी पॉटर,बैटमैन,मिस्टर बीन और लॉरेल एंड हार्डी जैसी विश्व-प्रसिद्ध फिल्मों और किरदारों की प्रतिमाएँ मौजूद हैं। ऐसे प्रतिष्ठित कलाकारों की श्रेणी में राज–सिमरन के जुड़ने से भारतीय सिनेमा का गौरव और भी बढ़ गया है।

20 अक्टूबर 1995 को रिलीज हुई डीडीएलजे ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बनाए,बल्कि भारतीय सिनेमा में रोमांटिक फिल्मों की परिभाषा भी बदल दी। फिल्म ने पारिवारिक मूल्यों,प्यार,संस्कार और आधुनिकता का ऐसा मिश्रण दिखाया,जिसने लाखों प्रशंसकों को अपनी ओर खींचा और यह आज भी उतनी ही ताजगी के साथ याद की जाती है। आदित्य चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में शाहरुख खान और काजोल की केमिस्ट्री ने पर्दे पर जादू बिखेरा था,जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है।

फिल्म में अनुपम खेर,अमरीश पुरी,फरीदा जलाल,मंदिरा बेदी,परमीत सेठी,अचला सचदेव और कई अन्य कलाकारों ने यादगार भूमिकाएँ निभाईं। फिल्म का संगीत,संवाद,सिनेमैटोग्राफी—हर पहलू ने इसे एक ऐसी क्लासिक के रूप में स्थापित किया,जिसे बार-बार देखा जा सकता है। ‘जा सिमरन,जी ले अपनी जिंदगी’ से लेकर ‘पलट, पलट, पलट’ जैसे आइकॉनिक संवाद आज भी लोगों के दिलों और ज़ुबानों पर कायम हैं।

डीडीएलजे को यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिलने से यह सिद्ध हो गया है कि बॉलीवुड की लोकप्रियता और प्रभाव अब वैश्विक स्तर पर भी उतनी ही मजबूत है,जितना भारत में। प्रशंसकों का मानना है कि राज–सिमरन का यह स्टैच्यू न केवल फिल्म की विरासत का प्रतीक है,बल्कि भारतीय सिनेमा की वैश्विक स्वीकृति का एक बड़ा संकेत भी है। दुनिया भर से आने वाले टूरिस्ट अब इस स्टैच्यू के पास फोटो खिंचवाकर न केवल डीडीएलजे की यादों को ताज़ा करेंगे,बल्कि भारतीय संस्कृति और सिनेमा के प्रति सम्मान भी प्रकट करेंगे।

तीस साल बाद भी डीडीएलजे का प्रभाव कम नहीं हुआ है। इसकी लोकप्रियता पीढ़ियों को जोड़ती है और नई पीढ़ी भी इसे उतने ही उत्साह से देखती है,जितना 90 के दशक में दर्शक देखते थे। फिल्म का यह सम्मान उस समय आया है,जब विश्वभर में भारतीय फिल्मों की पहुँच और प्रभाव तेजी से बढ़ा है। ऐसे में राज–सिमरन की प्रतिमा का लीसेस्टर स्क्वायर में शामिल होना भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।

यह सम्मान न केवल फिल्म के प्रति प्रेम और श्रद्धा को दर्शाता है,बल्कि भारतीय सिनेमा की उस खूबसूरत यात्रा को भी सलाम करता है,जिसने दुनिया भर के दर्शकों को भावनाओं,रोमांस और संस्कृति से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है। अब लंदन की सड़कों पर राज–सिमरन की यह प्रतिमा आने वाले वर्षों में लाखों लोगों को ‘डीडीएलजे’ की उस जादुई दुनिया की याद दिलाती रहेगी,जिसने 1995 में जन्म लेकर आज भी दिलों पर राज करना जारी रखा है।