परम सुंदरी फिल्म

5 कारण क्यों परम सुंदरी देखने लायक एक बेहतरीन रोमांटिक कॉमेडी है

मुंबई,3 सितंबर (युआईटीवी)- रोमांटिक कॉमेडी हमेशा से हल्के-फुल्के मनोरंजन के लिए पसंदीदा शैली रही है और परम सुंदरी इस श्रेणी में बिल्कुल फिट बैठती है। शशांक खेतान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा,परम की भूमिका में हैं,जो दिल्ली का एक तकनीकी विशेषज्ञ है और अपने डेटिंग ऐप को आजमाने का फैसला करता है,लेकिन उसकी मुलाकात सुंदरी से होती है,जिसका किरदार जान्हवी कपूर ने निभाया है और जो केरल में एक होमस्टे की मालकिन है। इसके बाद एक मज़ेदार,सांस्कृतिक टकराव होता है,जिसमें हँसी,रोमांस और थोड़ा ड्रामा भी शामिल है,जो फिल्म को देखने लायक बनाता है।

परम सुंदरी की एक खासियत इसकी ताज़ा कहानी है। जहाँ रोमांटिक कॉमेडी शैली अक्सर दोहराव वाली लगती है,वहीं यह फिल्म उत्तर-दक्षिण सांस्कृतिक अंतरों को आधुनिक मैचमेकिंग ऐप्स के साथ मिलाकर एक अनोखी लेकिन प्रासंगिक कहानी रचती है। कहानी भले ही थोड़ी जानी-पहचानी लगे,दर्शकों को 2 स्टेट्स और चेन्नई एक्सप्रेस जैसी फिल्मों की याद दिलाती हो,लेकिन यह आपको बाँधे रखने के लिए पर्याप्त ताज़गी भी देती है।

अभिनय फिल्म को और भी बेहतर बनाता है। जान्हवी कपूर सुंदरी के रूप में चमकती हैं,अपने किरदार में गर्मजोशी,प्रामाणिकता और आकर्षण लाती हैं। उनकी स्वाभाविक स्क्रीन उपस्थिति और भावनात्मक गहराई की खूब तारीफ़ हुई है। परम के रूप में सिद्धार्थ मल्होत्रा ​​अपने ‘लड़के-बगल’ वाले अंदाज़ में उनका साथ देते हैं,हालाँकि कुछ आलोचकों को उनकी कॉमिक टाइमिंग में कमी लगी। फिर भी,उनकी केमिस्ट्री कहानी का दिल है और दर्शकों को बाँधे रखती है।

दृश्यात्मक रूप से, “परम सुंदरी” एक बेहतरीन फ़िल्म है। केरल के हरे-भरे बैकवाटर और जीवंत परिदृश्यों के बीच फ़िल्माई गई यह फ़िल्म अपने परिवेश के सार को खूबसूरती से दर्शाती है। सचिन-जिगर द्वारा रचित संगीत और अमिताभ भट्टाचार्य के बोल,फ़िल्म के आकर्षण को और बढ़ा देते हैं। परदेसिया जैसे गाने और अन्य भावपूर्ण ट्रैक कहानी के साथ सहजता से घुल-मिल जाते हैं,जिससे फ़िल्म को लय और आत्मा दोनों मिलती है।

एक रोमांटिक कॉमेडी होने के अलावा,यह फ़िल्म तकनीक के इस दौर में प्यार से जुड़े दिलचस्प सवाल भी उठाती है। ऐप-आधारित मैचमेकिंग के इर्द-गिर्द घूमती इसकी कहानी इस बात की पड़ताल करती है कि क्या सच्ची केमिस्ट्री एल्गोरिदम से तय की जा सकती है या फिर असली रिश्ते डेटा और प्रोफाइल से आगे जाते हैं। यह आधुनिक प्रासंगिकता इस फ़िल्म को सिर्फ़ एक और प्रेम कहानी से कहीं बढ़कर बनाती है,यह आज की दुनिया में रिश्तों पर एक हल्की-फुल्की टिप्पणी है।

बेशक,परम सुंदरी विवादों से अछूती नहीं रही। कुछ दृश्यों,जैसे जान्हवी कपूर का नारियल के पेड़ पर चढ़ना,ने मलयाली संस्कृति के बारे में रूढ़िवादिता को मज़बूत करने के लिए कड़ी आलोचना की। इसके अलावा,फिल्म के कुछ हिस्सों में उनके उच्चारण को कुछ दर्शकों ने अस्वाभाविक माना। इन आलोचनाओं के बावजूद, फिल्म का संगीत,दृश्य और मुख्य केमिस्ट्री बॉक्स ऑफिस पर और युवा दर्शकों के बीच ज़बरदस्त चर्चा बटोर रही है।

आखिरकार,परम सुंदरी एक फील-गुड एंटरटेनर है,जो रोमांस और कॉमेडी के अपने वादे पर खरी उतरती है। हालाँकि,यह फिल्म पूरी तरह से दोषरहित नहीं है,फिर भी इसमें हास्य, संस्कृति और दिल को छू लेने वाले अभिनय का ऐसा संगम है,जो इसे वीकेंड पर देखने के लिए एकदम सही बनाता है। चाहे आप हल्की-फुल्की रोमांटिक कॉमेडी के प्रशंसक हों या बस कुछ हल्का-फुल्का और मज़ेदार देखना चाहते हों,यह फिल्म आपकी सूची में ज़रूर शामिल होनी चाहिए।