मुंबई,14 अगस्त (युआईटीवी)- बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा शिल्पा शेट्टी और उनके पति,कारोबारी राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एक शिकायत दर्ज की है,जिसके बाद से यह मामला सुर्खियों में है,लेकिन इस विवाद के बीच दोनों के वकील,एडवोकेट प्रशांत पाटिल ने अपने क्लाइंट्स का बचाव करते हुए आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। पाटिल का कहना है कि यह मामला न तो आपराधिक है और न ही इसमें धोखाधड़ी जैसी कोई बात है,बल्कि यह सिर्फ एक पुराना सिविल विवाद है,जिसे कानूनी रूप से सुलझाया जा चुका है।
प्रशांत पाटिल ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनके क्लाइंट्स को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए ही इस मामले की जानकारी मिली कि मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा में उनके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा इन आरोपों को सिरे से नकारते हैं। उनके मुताबिक,यह विवाद एक पुराने कारोबारी समझौते से जुड़ा हुआ है,जिसमें कंपनी आर्थिक संकट में फँस गई थी और इसके चलते लंबा कानूनी विवाद हुआ था। इस विवाद का समाधान 4 अक्टूबर 2024 को मुंबई के नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में हो चुका है।
पाटिल ने आगे कहा कि यह मामला केवल इक्विटी निवेश से जुड़ा है,यानी निवेशक ने कंपनी में हिस्सेदारी ली थी। इसमें किसी तरह की धोखाधड़ी या आपराधिक षड्यंत्र की बात नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी को पहले ही परिसमापन का आदेश मिल चुका है। परिसमापन एक कानूनी प्रक्रिया है,जिसमें किसी सीमित कंपनी को बंद किया जाता है,उसकी संपत्तियों को बेचा जाता है और कंपनी को आधिकारिक रजिस्टर से हटा दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया की जानकारी पुलिस को भी पहले से दी जा चुकी है।
वकील के मुताबिक,कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पिछले एक साल में लगभग 15 बार पुलिस स्टेशन जाकर इस मामले से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज और सबूत जमा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो भी वित्तीय लेन-देन हुए थे,उनका पूरा लेखा-जोखा समय-समय पर आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा गया है। इसके बावजूद,इस मामले को बार-बार उछालकर पेश किया जा रहा है,जिससे यह साफ है कि इसके पीछे केवल उनके क्लाइंट्स की छवि धूमिल करने की मंशा है।
पाटिल ने मीडिया रिपोर्ट्स की आलोचना करते हुए कहा कि बिना तथ्यों की पुष्टि किए इस तरह के आरोपों को प्रचारित करना न केवल गैरजिम्मेदाराना है,बल्कि यह उनके क्लाइंट्स की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुँचाता है। उन्होंने यह भी साफ किया कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और इनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। उनके मुताबिक,निवेश का पूरा लेन-देन पारदर्शी तरीके से किया गया था और सभी कानूनी औपचारिकताएँ पूरी की गई थीं।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में जिन लोगों ने झूठे और भ्रामक आरोप लगाए हैं,उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पाटिल ने चेतावनी दी कि उनके क्लाइंट्स इस प्रकार की निराधार खबरें फैलाने वालों को बख्शेंगे नहीं और अदालत में सख्त कदम उठाएँगे। उन्होंने यह भी दोहराया कि मामले का निपटारा कानूनी रूप से हो चुका है,इसलिए अब इसे दोबारा उठाना किसी भी तरह से उचित नहीं है।
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा का नाम पिछले कुछ सालों में कई विवादों से जुड़ चुका है। विशेष रूप से राज कुंद्रा 2021 में अश्लील कंटेंट मामले में गिरफ्तारी के बाद से लगातार चर्चा में रहे हैं। हालाँकि,इस बार उनके वकील ने साफ कर दिया है कि मौजूदा मामला पूरी तरह से व्यावसायिक है और इसमें कोई आपराधिक गतिविधि शामिल नहीं है। पाटिल के अनुसार,यह एक ऐसा विवाद था,जिसे कारोबारी स्तर पर हल किया गया था और इसमें धोखाधड़ी जैसी कोई बात साबित नहीं हुई है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे अहम बात यह है कि एनसीएलटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के ट्रिब्यूनल ने इसे पहले ही सुलझा दिया था। ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद कंपनी के परिसमापन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी और इस बारे में सभी संबंधित एजेंसियों को जानकारी दे दी गई थी। इसके बावजूद,इस मामले का फिर से सामने आना कई सवाल खड़े करता है।
अब देखना यह होगा कि आर्थिक अपराध शाखा इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है और क्या वाकई इसमें कोई आपराधिक पहलू सामने आता है या फिर यह मामला सिर्फ कानूनी तकनीकीताओं और व्यावसायिक विवाद तक सीमित रह जाता है,लेकिन फिलहाल, वकील प्रशांत पाटिल के बयान ने यह साफ कर दिया है कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा इस मामले में खुद को पूरी तरह निर्दोष मानते हैं और वे अपनी कानूनी लड़ाई आक्रामक तरीके से लड़ने के लिए तैयार हैं।