मुंबई,9 अक्टूबर (युआईटीवी)- बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति कारोबारी राज कुंद्रा को 60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में बड़ा झटका लगा है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दंपत्ति की विदेश यात्रा पर रोक लगाते हुए उन्हें कोलंबो जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पहले आरोपित राशि जमा की जाए,उसके बाद ही विदेश यात्रा पर विचार किया जा सकता है। इस फैसले के बाद शिल्पा और राज दोनों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
दरअसल,शिल्पा शेट्टी ने हाल ही में कोर्ट में याचिका दाखिल की थी,जिसमें उन्होंने श्रीलंका की राजधानी कोलंबो जाने की अनुमति माँगी थी। अभिनेत्री का कहना था कि उन्हें यूट्यूब के एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह इवेंट 25 अक्टूबर से शुरू होना है और इसमें शिल्पा शेट्टी बतौर गेस्ट पैनलिस्ट शामिल होने वाली थीं। हालाँकि,अदालत ने इस दलील को पर्याप्त नहीं माना और साफ कहा कि इस वक्त उन्हें विदेश जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
सुनवाई के दौरान शिल्पा शेट्टी की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह एक पेशेवर कार्यक्रम है और इसके लिए उन्हें आमंत्रण मिलने वाला है। कोर्ट ने जब पूछा कि क्या कार्यक्रम का आधिकारिक निमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है,तो वकील ने कहा कि फिलहाल केवल फोन पर बातचीत हुई है और आधिकारिक निमंत्रण इजाजत मिलने के बाद भेजा जाएगा। इस पर अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “आप पहले 60 करोड़ रुपये की राशि जमा कीजिए,फिर हम इस मामले पर विचार करेंगे।”
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक आरोपित राशि की भरपाई नहीं होती,तब तक विदेश यात्रा की कोई अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 अक्टूबर तय की है और तब तक के लिए शिल्पा शेट्टी की विदेश यात्रा पर रोक जारी रहेगी।
गौरतलब है कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ यह मामला कारोबारी दीपक कोठारी की शिकायत पर दर्ज किया गया है। कोठारी ने आरोप लगाया है कि दंपत्ति ने उनसे व्यवसाय के विस्तार के नाम पर 60 करोड़ रुपये की राशि उधार ली थी। शिकायतकर्ता का कहना है कि शिल्पा और राज ने यह रकम कर्ज के रूप में ली,लेकिन टैक्स बचाने के लिए इसे निवेश (इन्वेस्टमेंट) के रूप में दिखाने के लिए कहा। कोठारी का आरोप है कि उन्होंने दोनों पर भरोसा किया,लेकिन बाद में न तो ब्याज दिया गया और न ही मूलधन लौटाया गया।
दीपक कोठारी ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि शिल्पा शेट्टी ने खुद उन्हें आश्वासन दिया था कि ब्याज की रकम समय पर लौटा दी जाएगी,लेकिन पैसे लौटाने का समय आने से पहले ही शिल्पा ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राज कुंद्रा ने भी भुगतान में देरी की बात कहते हुए कोई ठोस जवाब नहीं दिया। कोठारी के मुताबिक,व्यवसाय के विस्तार के नाम पर ली गई रकम का इस्तेमाल व्यक्तिगत खर्चों के लिए किया गया।
इस मामले में जाँच एजेंसी ने शिल्पा और राज दोनों के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी किया है,ताकि वे देश छोड़कर न जा सकें। ‘लुक आउट सर्कुलर’ जारी होने के बाद से ही दोनों के विदेश जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यही कारण है कि कोलंबो यात्रा से पहले शिल्पा शेट्टी को कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ी,लेकिन अदालत ने फिलहाल इसे नामंजूर कर दिया।
यह मामला शिल्पा शेट्टी के लिए एक और विवाद का कारण बन गया है। इससे पहले भी राज कुंद्रा 2021 में अश्लील सामग्री बनाने और प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं,जिसके चलते शिल्पा को काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। अब 60 करोड़ की यह धोखाधड़ी का मामला उनके करियर और छवि पर एक और धब्बा बनकर सामने आया है।
सूत्रों के मुताबिक,जाँच एजेंसी के पास इस लेनदेन से जुड़ी कई अहम जानकारियाँ हैं,जिनमें बैंक ट्रांसफर,ईमेल और कॉर्पोरेट दस्तावेज शामिल हैं। एजेंसी का दावा है कि दोनों ने इस रकम का उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों में नहीं किया,बल्कि निजी संपत्तियों और लग्जरी खर्चों के लिए किया। हालाँकि,शिल्पा और राज ने अब तक किसी भी प्रकार की वित्तीय धोखाधड़ी से इनकार किया है।
शिल्पा शेट्टी के करीबियों का कहना है कि वह निर्दोष हैं और उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। उनके मुताबिक,यह मामला व्यावसायिक विवाद का है जिसे जानबूझकर आपराधिक रूप दिया जा रहा है। वहीं,शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्हें अब तक एक रुपया भी वापस नहीं मिला है और न्याय मिलने तक वह संघर्ष जारी रखेंगे।
अब सबकी नजरें 14 अक्टूबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं,जब अदालत इस मामले में आगे की दिशा तय करेगी। फिलहाल,बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की विदेश यात्रा पर रोक जारी रहेगी और दोनों को जाँच एजेंसियों के सवालों का जवाब देना होगा।
यह पूरा मामला न केवल बॉलीवुड की चमक-दमक के पीछे छिपे व्यावसायिक विवादों को उजागर करता है,बल्कि यह भी दिखाता है कि नाम और शोहरत के बीच कभी-कभी कानूनी जाल कितना उलझा हुआ हो सकता है। अदालत के इस सख्त रुख से यह संकेत भी मिला है कि वित्तीय अपराधों में किसी को भी राहत नहीं दी जाएगी,चाहे वह कितना भी बड़ा नाम क्यों न हो।
