अहमदाबाद,10 सितंबर (युआईटीवी)- अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने सभी बकाया 750 मिलियन डॉलर या 4.375 प्रतिशत के होल्डको नोट्स को पूरी तरह से रिडीम कर लिया है। इसकी जानकारी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) द्वारा दिया गया। जनवरी 224 में अडानी ग्रुप की कंपनी के तरफ से होल्डको नोट्स को रिडेम्पशन रिजर्व खाते के माध्यम से पूरी तरह से बैकस्टॉप करने का ऐलान किया गया था। यह दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए होल्डको नोट्स को मैच्योरिटी पर भुनाने की तारीख से आठ महीने पहले किया जाता है।
कंपनी के तरफ से दिए गए बयान में कहा गया कि सितंबर 2021 में तीन वर्ष के होल्डको नोट्स जारी हुए थे। कंपनी के उच्च वृद्धि दर को जारी किए गए होल्डको नोट्स के जरिए समर्थन मिला है। अडानी ग्रीन एनर्जी की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता बीते तीन वर्षों में 3.5 गीगावाट से तीन गुना बढ़कर 11.2 गीगावाट हो गई है। रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में यह वृद्धि 48 प्रतिशत के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से दर्ज किया गया है।
कंपनी ने आगे कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने तीव्र वृद्धि दर्ज करके दिखाया है और नोट्स को कंपनी कैश के माध्यम से रिडीम कर रही है,जहाँ इसे रिफाइनेंसिंग से भी रिडीम किया जा सकता था।
कंपनी ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2030 तक 50 गीगावाट की रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को हासिल करने के लिए होने वाले पूँजीगत खर्च को कंपनी आसानी से ऑपरेशनल एसेट्स के जरिए मजबूत कैशफ्लो और कंस्ट्रक्शन फैसिलिटी फ्रेमवर्क एग्रीमेंट के जरिए पूरी तरह से फंड कर सकती है।
दिसंबर 2023 में एजीईएल के प्रमोटर्स ने 9,350 करोड़ रुपये के प्रिफेंशियल वारंट सब्सक्राइब करने पर सहमति दी थी। अडानी ग्रीन एनर्जी के पूँजीगत खर्च को पूरा करने के लिए इनमें से 7,013 करोड़ रुपये (835 मिलियन डॉलर) के फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।
कंपनी के मैनेजमेंट का उद्देश्य एसेट्स डेवलपमेंट के माध्यम से लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएशन करने का है और इसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। कंपनी के पास अंडर-कंस्ट्रक्शन डेवलपमेंट का समर्थन करने में सक्षम ऑपरेशनल एसेट्स का एक मजबूत बेस है।
वर्तमान समय में एजीईएल के पास भारत के 12 राज्यों में फैला हुआ 11.2 गीगावाट का ऑपरेशनल रिन्यूएबल पोर्टफोलियो है।
