नई दिल्ली,9 मई (युआईटीवी)- भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया,जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में नौ स्थानों को निशाना बनाया गया। ये सटीक हमले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए किए गए,जिसमें 26 भारतीय पर्यटक मारे गए थे।
ऑपरेशन सिंदूर: 9 आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई
इस अभियान का लक्ष्य लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी)और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकी समूहों से जुड़े बुनियादी ढाँचे को नष्ट करना था। लक्षित स्थलों में शामिल थे:
1) बहावलपुर (पंजाब) – जेईएम का मुख्यालय; रिपोर्ट्स के अनुसार नेता मसूद अजहर के 10 परिवार के सदस्यों की मौत हो गई।
2) मुरीदके (पंजाब) – लश्कर का मुख्य अड्डा; कथित तौर पर एक शैक्षणिक परिसर को नुकसान पहुँचाया गया।
3) तेहरा कलां (पंजाब) – आतंकवादी प्रशिक्षण गतिविधियों के लिए जाना जाता है।
4) सियालकोट (पंजाब) – सीमा पार से घुसपैठ के लिए संदिग्ध लॉन्चपैड।
5) कोटली (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) – जैश का संचालन केंद्र।
6) मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) – लश्कर-ए-तैयबा का गढ़; कथित तौर पर एक मस्जिद को नुकसान पहुँचाया गया।
7) भिम्बर (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) – रसद और हथियार भंडारण स्थल।
8) रावलकोट (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) – आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण सुविधा।
9) चकोठी (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) – घुसपैठ के प्रयासों के लिए मंच।
भारतीय वायुसेना ने एससीएएलपी और एएएसएम हैमर मिसाइलों से लैस राफेल जेट विमानों का इस्तेमाल करते हुए 24 मिसाइल हमले किए। यह ऑपरेशन करीब 23 मिनट तक चला और भारतीय अधिकारियों ने इसे “केंद्रित, मापा हुआ और गैर-बढ़ावा देने वाला” बताया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया।
पाकिस्तान ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे “युद्ध की कार्रवाई” बताया और दावा किया कि इसमें बच्चों समेत कई नागरिक हताहत हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने बताया कि उसने कई भारतीय विमानों और ड्रोन को मार गिराया है,हालाँकि अभी तक इन दावों की पुष्टि नहीं हुई हैं। जवाबी कार्रवाई में,पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार तोपखाने से गोलाबारी की,जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों के नागरिक हताहत हुए।
ऑपरेशन सिंदूर से पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के सुरनकोट इलाके में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के काफिले पर हुए हमले के कारण तनाव बढ़ गया था। 6 मई, 2025 को आतंकवादियों ने काफिले पर घात लगाकर हमला किया,जिसमें आईएएफ के पाँच जवान घायल हो गए। घायलों में से एक,कॉर्पोरल विक्की पहाड़े ने बाद में दम तोड़ दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि 20 मिनट तक गोलीबारी हुई,जिससे स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई।
इस हमले का षड्यंत्र लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद जट्ट ने रचा था। जवाब में सुरक्षा बलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने बढ़ते संघर्ष पर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम,चीन और रूस समेत देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने और क्षेत्रीय स्थिरता को और बिगड़ने से रोकने के लिए बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया है।
