लंदन, 14 दिसंबर (युआईटीवी)- ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक की नेट अनुकूलता रेटिंग विवादास्पद रवांडा नीति विवाद के बीच अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गई है। किए गए नए सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है कि अधिकांश लोग पीएम ऋषि सुनक के प्रति प्रतिकूल दृष्टिकोण रखते हैं। प्रतिकूल दृष्टिकोण रखने वाले लोगों की प्रतिशतता 70 प्रतिशत बताया जा रहा है।
यूजीओवी सर्वेक्षण रवांडा बिल पर सुनक के महत्वपूर्ण वोट जीतने से ठीक पहले किया गया,इसके अनुसार सुनक के पक्ष में 21 प्रतिशत लोगों अनुकूल राय दी।
सर्वेक्षण में बताया गया कि,” प्रधानमंत्री को अब तक की सबसे खराब नेट अनुकूलता रेटिंग 49 दी गई है। जिसमें नवंबर के अंत से 10 अंक की गिरावट दर्ज की गई है।” सर्वेक्षण में कहा गया है कि वर्तमान में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की स्थिति बोरिस जॉनसन की तरह हो गई है। बोरिस जॉनसन की तरह ही प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी अलोकप्रिय हो गए हैं।
जब बोरिस जॉनसन ने इस्तीफा दिया था,तब भी यूजीओवी ने अनुकूलता रेटिंग दर्ज किया था और उस समय पूर्व प्रधान मंत्री की अनुकूलता रेटिंग 53 दर्ज किया गया था। अभी तक सबसे बुरा अनुकूलता रेटिंग लिज़ ट्रस का 70 दर्ज किया गया है।
इसी प्रकार से कंजर्वेटिव मतदाताओं ने 2019 में नकारात्मक दृष्टिकोण उस पार्टी के नेता के बारे में प्रकट किया था। चार साल पहले जिसका उन्होंने समर्थन किया था। यह प्रधान मंत्री के लिए एक और नया निचला स्तर था।
जितने लोगों के राय को रिकॉर्ड किया गया है,उनमें से सर्वेक्षणकर्ताओं के साथ 56 प्रतिशत ने नकारात्मक विचार व्यक्त किया है और सकारात्मक विचार 40 प्रतिशत ने साझा किया है।
इन सब के बीच सुनक के लिए थोड़ी राहत वाली बात यह रही कि सरकार के रवांडा बिल को हाउस ऑफ कॉमन्स ने सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देने के लिए 313-269 वोट दिए। अब इसे आगे की जाँच के लिए भेज दिया गया है।
रवांडा योजना को 2022 में तत्कालीन प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी सहमति दी थी। इस योजना के तहत यह प्रयास किया जाता है कि छोटी नावों या इन्फ्लेटेबल डिंगियों में प्रवासियों को चैनल के पार लगभग 32 किमी की खतरनाक यात्रा करने से रोका जाए।
इस योजना के तहत, अवैध रूप से 1 जनवरी, 2022 के बाद जो कोई भी ब्रिटेन पहुँचा,उन सभी को लगभग 6,400 किमी दूर रवांडा भेजे जाने का सामना करना पड़ा।
जून 2022 में यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय के आदेश से पहली निर्वासन उड़ान को रोक कर दिया गया था।
जब ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे,तो उन्होंने अपनी पाँच प्राथमिकताएँ बताई थी। उनमें से एक “नावों को रोकने” की भी बात थी। इसलिए ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के लिए यह योजना बहुत महत्वपूर्ण है।