नई दिल्ली,19 फरवरी (युआईटीवी)- कथित आबकारी नीति घोटाले मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छठे समन पर भी पेश नहीं हुए। सोमवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय समक्ष पेश होना था,लेकिन एक बार फिर से वे उपस्थित नहीं हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस समन को असंवैधानिक बताया है। फिलहाल अदालत के द्वारा ईडी के सामने पेश होने की वैधता की जाँच की जा रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के सूत्रों ने बताया कि, “अदालत में इस मामले को लाने की पहल ईडी के द्वारा ही गई है,जो की एक दिलचस्प बात है। उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के लिए ईडी को अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए और बार-बार समन जारी करने से बचना चाहिए।”
इससे पूर्व,केजरीवाल को ईडी ने 31 जनवरी को समन जारी कर ईडी के समक्ष 2 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जारी किया गया यह पाँचवां समन था।
वित्तीय जाँच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि समन का जानबूझकर केजरीवाल पालन नहीं कर रहे हैं और बहाने बना रहे हैं। साथ ही वित्तीय जाँच एजेंसी ने कहा कि यदि कानून का पालन उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी नहीं करेंगे,तो एक गलत उदाहरण आम आदमी के लिए स्थापित होगा।
जब अरविंद केजरीवाल ने 17 फरवरी को समन का पालन नहीं किया तो,ईडी ने उनके खिलाफ दिल्ली की अदालत का रुख किया। जिसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केजरीवाल पेश हुए और उन्होंने अदालत को बताया कि वे अदालत के समक्ष चालू बजट सत्र के कारण शारीरिक रूप से पेश होने में असमर्थ हैं।
कोर्ट में शारीरिक उपस्थिति से छूट पाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक अर्जी दायर की थी। जिसके बाद मामले की सुनवाई को अदालत ने 16 मार्च के लिए स्थगित कर दी।
इस शिकायत पर 7 फरवरी को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दिव्या मल्होत्रा ने संज्ञान लिया था ।
