यरूशलेम,10 जून (युआईटीवी)- इजरायल के वॉर कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने गाजा के लिए युद्ध के बाद की योजना की अनुपस्थिति समेत अन्य कारणों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार से इस्तीफा देने की घोषणा कर बेंजामिन नेतन्याहू को बड़ा झटका दिया है। इजरायली युद्ध कैबिनेट के सदस्य बेनी गैंट्ज ने नए चुनाव का आह्वान किया है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू अभी भी संसद में बहुमत गठबंधन को नियंत्रित करते हैं,इसलिए बेनी गैंट्ज़ के इस्तीफा की घोषणा उनके लिए तुरंत खतरा उत्पन्न नहीं करता।
एक टेलीविजन संबोधन में गैंट्ज ने कहा,गाजा में नेतन्याहू हमें वास्तविक जीत की ओर बढ़ने से रोकते हैं। इसलिए आज हम आपातकालीन सरकार को भारी मन से छोड़ने का फैसला कर रहे हैं।
नेतन्याहू ने इसके जवाब में एक बयान जारी कर कहा कि इजरायल कई मोर्चे पर अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। बेनी गैंट्ज़ यह समय लड़ाई छोड़कर भागने का नहीं है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,टेलीविज़न पर प्रसारित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गैंट्ज़ ने नेतन्याहू पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक अस्तित्व को हमेशा प्राथमिकता देते रहे हैं,युद्धविराम समझौते पर आगे नहीं बढ़ रहे हैं,जिसके कारण गाजा में लगभग 100 बंधकों की रिहाई नहीं हो पा रही है।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप लगाते हुए इजरायल के वॉर कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने कहा कि वे हमें जीत की ओर बढ़ने से रोक रहे हैं। वो राजनीतिक विचारों के कारण फैसला लेने में संकोच कर रहे हैं।
गैंट्ज़ ने नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ बढ़ते जन विरोध को देखते हुए आने वाली सर्दियों में चुनाव कराए जाने का आह्वान किया है। उन्होंने नेतन्याहू से चुनाव के लिए एक तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे लोगों को अलग-थलग होने से रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए।
बेनी गैंट्ज़ के नेतन्याहू की दक्षिणपंथी गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के निर्णय के बाद सिर्फ रूढ़िवादी मंत्री ही सरकार में बच गए हैं,जो फिर से गाजा पट्टी पर कब्जा करने का समर्थन करता है। ये रूढ़िवादी मंत्री गाजा पट्टी पर इजरायली बस्ती के विस्तार करने की वकालत करते हैं।
इस्तीफे से पहले गैंट्ज़ ने दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री को मई में अंतिम चेतावनी देते हुए माँग की थी कि गाजा के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को एक स्पष्ट रणनीति तैयार करना होगा और युद्धविराम समझौते पर सहमति जताने के लिए तत्पर होना होगा।

