रविशंकर प्रसाद

ममता बनर्जी ने सीएए का हमेशा ही विरोध किया,शरण देना केंद्र के हाथ में : रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली,23 जुलाई (युआईटीवी)- बांग्लादेशी शरणार्थियों को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तथा टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि हिंसा से प्रभावित बांग्लादेश के लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएँगे तो वह उन्हें शरण देंगी। भाजपा ने ममता बनर्जी द्वारा दिए गए इस बयान पर हमला बोला है। भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि,ममता बनर्जी ने सीएए का हमेशा ही विरोध किया है। हिंदू,सिख और पारसियों को सीएए के तहत मिलने वाली नागरिकता का ममता बनर्जी ने विरोध किया था।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि,बांग्लादेश के लोगों को ममता बनर्जी ने बंगाल में शरण देने की बात कही है। ममता बनर्जी वही हैं,जिन्होंने सीएए के मुद्दे पर कहा था कि हम बंगाल में किसी भी हिंदू,सिख और पारसी शरणार्थियों को शरण नहीं देंगे। सीएए का ममता बनर्जी ने हमेशा ही विरोध किया। केंद्र सरकार शरणार्थियों को शरण देने का फैसला करती है। ऐसा फैसला कोई भी राज्य नहीं लेता है।

1971 के युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि,उस दौरान भी केंद्र सरकार ने ही शरणार्थियों को शरण देने का फैसला किया था। हाल में जो भी बांग्लादेश में चल रहा है,वह उसका आंतरिक मामला है। ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के साथ हिंदुस्तान के संबंध अच्छे हों,उनके द्वारा दिए गए इस बयान का क्या मतलब है?

इंडी गठबंधन पर रविशंकर प्रसाद ने निशाना साधते हुए कहा कि वोट बैंक के लिए इंडी गठबंधन के लोग देश की एकता और अखंडता से समझौता करने के लिए तैयार हैं। यदि बंगाल की बात करें तो आजादी के समय मुस्लिम बहुल 3 जिले थे,लेकिन आज यहाँ मुस्लिम बहुल 9 जिले हैं। रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठिए बंगाल में भरे पड़े हैं। एनआईए की रिपोर्ट में बताया गया है कि बंगाल में आतंकियों और घुसपैठियों को संरक्षण मिलता है।

ममता बनर्जी के बयान को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने गैर-जिम्मेदाराना बताया और कहा कि विपक्ष से हम पूछना चाहते हैं कि क्या वह देश को टुकड़ों में बाँटना चाहते हैं।

 

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