नई दिल्ली,9 अगस्त (युआईटीवी)- विदेश मंत्री एस. जयशंकर शुक्रवार को मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाएँगे। मालदीव में पिछले साल राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के संबंधों के मध्य कड़वाहट आ गई है। एस. जयशंकर के इस तीन दिवसीय यात्रा के माध्यम से दोनों देश फिर से इस तनावपूर्ण संबंधों को सुधार कर सामान्य बनाने पर विचार कर रहे हैं।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर दूसरे कार्यकाल के लिए जून में पद संभाली है और उसके बाद यह उनकी पहली मालदीव यात्रा होगी। उन्होंने इससे पहले मालदीव का दौरा पिछले साल जनवरी में किया था।
एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि,मालदीव भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत की पड़ोसी पहले नीति और हमारे विजन सागर अर्थात क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इस यात्रा का उद्देश्य भारत-मालदीव के मध्य की घनिष्ठ साझेदारी को मजबूती प्रदान करना और दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने तथा उसे विस्तार देने के रास्ते को तलाशना है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नई दिल्ली की यात्रा पर आए थे और अब भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर जाएँगे।
विदेश मंत्री जयशंकर अपनी इस तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइजू से शिष्टाचार मुलाकात करेंगे और अपने मालदीव के समकक्ष मंत्री मूसा जमीर के साथ मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा के लिए बातचीत भी करेंगे।
गुरुवार को मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि,दोनों देशों के मंत्री भारत के एक्जिम बैंक के ऋण के सुविधा के तहत पूरी हो चुकी परियोजनाओं तथा उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजनाओं (एचआईसीडीपी) का उद्घाटन करेंगे। साथ ही दोनों मंत्री क्षमता निर्माण,वाणिज्य एवं व्यापार के क्षेत्रों पर समझौता ज्ञापनों के आदान-प्रदान के साक्षी बनेंगे।
मई में मालदीव के विदेश मंत्री जमीर भी नई दिल्ली आए थे। पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने भारत की पहली बार आधिकारिक यात्रा की थी। इसके बाद मालदीव से भारतीय सैनिकों की पूरी तरह वापसी हुई थी।
विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ नौ मई को विदेश मंत्री जयशंकर ने अपनी बैठक के दौरान कहा कि,आपके देश की सुरक्षा और कल्याण को हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों,उपकरणों की आपूर्ति,क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के माध्यम से बढ़ाया है। हमें अपने संबंधों को आगे बढ़ाने और विस्तार देने के लिए सहमत होने की आवश्यकता है।
हाल ही में दोनों पड़ोसी देशों के मध्य खराब हुए संबंधों के बावजूद,मालदीव के प्रति भारत ने सद्भावना के तौर पर आवश्यक वस्तुओं जैसे-गेंहूँ,चावल,चीनी,प्याज,अंडे इत्यादि का निर्यात जारी रखा था।
