रामल्लाह,14 अगस्त (युआईटीवी)- इजरायली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच वेस्ट बैंक में हुए झड़प में एक फिलिस्तीनी की मौत हो गई। वेस्ट बैंक में इजरायली सेना ने विस्फोट से दो अपार्टमेंटों को उड़ा दिया, जिसके बाद इजरायली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच के झड़प भड़क गई। यह जानकारी फिलिस्तीनी सूत्रों ने दी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इजरायली सुरक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया कि रामल्लाह और अल-बिरेह शहरों पर इजरायली सेना ने धावा बोल दिया और दो आवासीय भवनों को उन्होंने घेर लिया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि इजरायली सेना ने जिन दो अपार्टमेंटों को विस्फोट से उड़ाया है,उनमें से एक अपार्टमेंट कैदी आयसर अल-बरगौती का है और दूसरा अपार्टमेंट कैदी खालिद अल-खरौफ का है। अल-बरगौती और अल-खरौफ को इजरायली सेना ने रामल्लाह में गोलीबारी करने के आरोप में 8 जनवरी को गिरफ्तार किया था। एक इजरायली महिला की उस गोलीबारी में मौत हो गई थी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक,दोनों अपार्टमेंटों को सेना ने विस्फोट कर उड़ा दिया,जिसके बाद इजरायली सेना और फिलिस्तीनियों के बीच झड़पें शुरू हो गई।
इजरायली सेना पर फिलिस्तीनियों ने पत्थर और खाली बोतलें फेंकनी शुरू कर दी,जबकि इजरायली सेना आँसू गैस के गोले दागे और गोलियाँ चलाई।
सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने चिकित्सा सूत्रों के हवाले से बताया कि इजरायली सेना द्वारा चलाए गए गोलियों से एक युवक मोआताज़ सरसौर गंभीर रूप से घायल हो गया,जिसके बाद उसे अस्पातल ले जाया गया। डॉक्टरों ने वहाँ उस व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया।
फिलिस्तीनी हमलावरों के घरों को अक्सर इजरायल ध्वस्त कर देता है। उसका कहना है कि संभावित हमलावरों को रोकने के उद्देश्य से यह किया जाता है।
हमास-इजरायल संघर्ष की शुरुआत 7 अक्टूबर, 2023 को हुआ था। वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से अब तक 620 से अधिक फिलिस्तीनी इजरायली गोलीबारी में मारे जा चुके हैं।
वहीं इजरायली हमलों में गाजा में लगभग 40,000 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
मंगलवार को जारी किए गए बयान के अनुसार,इजरायली सेना ने पिछले 24 घंटों के दौरान 32 लोगों को मार डाला है,जबकि अन्य 88 लोगों को घायल कर दिया है। गाजा पट्टी में कुल 39,929 फिलिस्तीनी की मौत फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से हो चुकी है और इस संघर्ष में 92,240 लोग घायल हुए हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,कई पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे और सड़कों पर हैं,जहाँ तक एम्बुलेंस और नागरिक सुरक्षा दल नहीं पहुँच पा रहे हैं।
