चेन्नई,3 अक्टूबर (युआईटीवी)- तमिलनाडु बीजेपी के प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) से कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चुनाव अभियान पर रोक लगाने का आग्रह किया है, उनका दावा है कि यह देश की एकता और सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा है।
प्रसाद ने एक बयान में कहा,”राहुल गांधी के निराधार आरोपों और अपमानजनक टिप्पणियों ने राजनीतिक लाभ के लिए चुनावी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए हरियाणा में किसानों की भावनाओं को आहत किया है।”
उन्होंने गांधी पर राष्ट्रीय एकता को बाधित करने और सामाजिक एकता को कमजोर करने वाला गैरकानूनी अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए ईसीआई से त्वरित कार्रवाई करने का आह्वान किया। प्रसाद ने कहा कि हरियाणा में एक रैली के दौरान गांधी की हालिया टिप्पणियों ने किसानों को भ्रामक जानकारी देकर उकसाया,चुनाव नियमों का उल्लंघन किया।
प्रसाद ने विदेश में रहते हुए भारत और उसके लोगों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए गांधी की भी आलोचना की,उन्होंने दावा किया कि इससे राष्ट्रीय गौरव का अनादर हुआ और विभाजन भड़का। प्रसाद ने कहा, “वह बेबुनियाद आरोपों के साथ प्रधानमंत्री मोदी,भाजपा और उद्योगपतियों पर हमला करते रहते हैं।”
प्रसाद के अनुसार,गांधी की बयानबाजी भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करती है और शांति के लिए खतरा है। उन्होंने पिछले उदाहरणों पर प्रकाश डाला,जहाँ गांधी की टिप्पणियों,विशेष रूप से विदेशों में सिखों के बारे में की गई उनकी टिप्पणी ने काफी आक्रोश पैदा किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि बार-बार की जाने वाली ये हरकतें सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालती हैं।
भाजपा नेता ने बताया कि पीएम मोदी का प्रशासन किफायती आवास,मुफ्त स्वास्थ्य सेवा,स्वच्छ जल पहुँच और सभी के लिए बैंकिंग जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से राष्ट्रीय कल्याण पर ध्यान केंद्रित करता है। प्रसाद ने कहा कि ये पहल सामाजिक न्याय के प्रति मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो संत रविदास,कबीर दास,ज्योतिबा फुले,सावित्रीबाई फुले और बाबासाहेब अंबेडकर जैसे नेताओं से प्रेरित है।
प्रसाद ने ईसीआई से गांधी के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियाँ न केवल वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करती हैं,बल्कि भारत की एकता के लिए भी खतरा हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में एक मानहानि मामले का हवाला दिया,जहाँ नासिक जिला पुलिस ने सावरकर के बारे में टिप्पणी के लिए गांधी को तलब किया था।
भाजपा प्रवक्ता ने ईसीआई के हस्तक्षेप की आवश्यकता दोहराई,चेतावनी दी कि अगर गांधी के भाषणों को अनियंत्रित छोड़ दिया गया,तो वे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
