विदेश मंत्री जयशंकर (तस्वीर क्रेडिट @RT_hindi_)

कनाडा द्वारा जयशंकर की प्रेस वार्ता को ब्लॉक किए जाने पर भारत ने फटकार लगाई,ऑस्ट्रेलियाई न्यूज आउटलेट ने भी आलोचना की

नई दिल्ली,8 नवंबर (युआईटीवी)- कनाडा सरकार ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया टुडे के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने का निर्णय लिया,जिसे लेकर उसे वैश्विक स्तर पर विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा। कनाडा द्वारा यह कदम,भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद उठाया गया था। ऑस्ट्रेलिया टुडे ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे मीडिया सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के रूप में देखा। इस कॉन्फ्रेंस में कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा हुई थी,जो कनाडा के लिए संवेदनशील थे और इसके बाद कनाडा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर ऑस्ट्रेलिया टुडे के पेजों और हैंडल्स को ब्लॉक कर दिया। कनाडा सरकार के इस फैसले का भारत ने भी कड़ी आलोचना की।

ऑस्ट्रेलिया टुडे ने अपने बयान में कनाडा की इस कार्रवाई के खिलाफ वैश्विक समर्थन मिलने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कदम चुनौतियों का कारण बना,लेकिन इसके बावजूद वे अपने मिशन में अडिग हैं और महत्वपूर्ण खबरों और विचारों को लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस फैसले का प्रभाव उनकी टीम और उनके समर्थकों पर पड़ा,लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा है और इससे प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के महत्व का एहसास हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया टुडे के प्रबंध संपादक जितार्थ जय भारद्वाज ने इस मुद्दे पर कहा कि उनके संगठन को बाहर से मिल रहे समर्थन ने उन्हें ताकत दी है। उन्होंने आगे यह भी स्पष्ट किया कि उनकी टीम बाहरी दबावों के बावजूद अपनी स्वतंत्र पत्रकारिता और पारदर्शिता के सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वे स्वतंत्र और खुले मीडिया परिदृश्य की वकालत करते रहेंगे,चाहे जो भी परिस्थितियाँ हों।

इसी बीच,भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कनाडा की इस कार्रवाई को “पाखंड” करार दिया और कहा कि यह कदम कनाडा के उस दावे के खिलाफ है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। जयसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,”ऑस्ट्रेलिया टुडे के सोशल मीडिया पेज को ब्लॉक करने के बाद,यह घटना पूरी दुनिया के सामने कनाडा की असली नीति को उजागर करती है।” उन्होंने बताया कि यह ब्लॉकिंग उस समय की गई,जब ऑस्ट्रेलिया टुडे ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पेनी वोंग की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रसारित किया था।

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को तीन मुख्य बिंदुओं पर रेखांकित किया: पहला,कनाडा द्वारा बिना प्रमाण के आरोप लगाने का चलन,दूसरा,भारतीय राजनयिकों की निगरानी करना,जिसे विदेश मंत्री ने अस्वीकार किया, और तीसरा, कनाडा द्वारा भारत विरोधी तत्वों को राजनीतिक संरक्षण देना। इन सब बातों को देखते हुए भारत ने यह निष्कर्ष निकाला कि कनाडा ने ऑस्ट्रेलिया टुडे को क्यों ब्लॉक किया और इसे एक राजनीतिक कदम के रूप में देखा।

इस प्रकार, कनाडा का यह कदम न केवल मीडिया की स्वतंत्रता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वैश्विक राजनीति और पत्रकारिता के बीच जटिल संबंध किस प्रकार के होते हैं।