बजट चुनावी जुमला है : विपक्ष

नई दिल्ली, 1 फरवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)| कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की ओर से असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल के राज्यों को बजट का एक बड़ा हिस्सा देने के लिए आलोचना की। इन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। साथ ही विपक्ष ने बजट को ‘रोड फॉर वोट’ और जुमलों से भरा बताया। कांग्रेस असम के प्रमुख रिपुन बोरा ने कहा, “मतलब, भाजपा सरकार ने संसद को विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी घोषणा पत्र लॉन्च करने की जगह बना दिया है। यह बजट जुमलों से भरे चुनाव घोषणापत्र से ज्यादा कुछ नहीं है।”

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण का प्रस्ताव रखा। विधानसभा चुनाव को देखते हुए तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल और असम को इस प्रस्तावित नई राजमार्ग परियोजना का एक बड़ा हिस्सा दिया गया है।

पुड्डुचेरी के साथ इन राज्यों में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होंगे।

असम में, जहां भाजपा लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए जोर लगा रही है, वहां सीतारमण ने 1,300 किलोमीटर राजमार्ग का प्रस्ताव रखा है जो अगले तीन वर्षो में बनाए जाएंगे।

कांग्रेस के एक अन्य नेता शशि थरूर ने कहा, “यह भाजपा सरकार मुझे उस गैराज मैकेनिक की याद दिलाती है, जिसने अपने ग्राहक को यह कह रखा है कि मैं आपके ब्रेक को ठीक नहीं कर सकता, इसलिए मैंने तुम्हारे हॉर्न की आवाज को बढ़ा दिया है।”

पश्चिम बंगाल में भाजपा ममता बनर्जी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए लड़ाई लड़ रही है, वहां वित्त मंत्री ने 95,000 करोड़ रुपये की लागत से 675 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना का प्रस्ताव रखा है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “बजट निजीकरण और रोड फॉर वोट की दिशा में है।

पार्टी नेता ने कहा, “सरकार ने आर्थिक गति में वृद्धि लाने के लिए कुछ नहीं किया। यह एक साधारण बजट है, कांग्रेस ने नकद हस्तांतरण की उम्मीद की थी, लेकिन देश बिक्री पर है।”

तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया, “भारत का पहला पेपरलेस बजट भी 100 प्रतिशत ²ष्टिहीन बजट है। फर्जी बजट का विषय है भारत को बेचना। रेलवे को बेच दिया गया, हवाईअड्डे को बेचा गया, बंदरगाह को बेचा गया, 23 पीएसयू बेची गई! आम लोगों को अनदेखा कर दिया गया, किसानों को नजरअंदाज कर दिया गया। अमीर और अमीर हो गए, मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं मिला, गरीब और गरीब हो गए।”

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बढ़ती बेरोजगारी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के केंद्र के प्रयासों पर संदेह जताया।

उन्होंने कहा कि बजट का मूल्यांकन इन शर्तो पर किया जाएगा। गरीब और किसान खोखले और झूठे दावों से तंग आ गए हैं।

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