नई दिल्ली,16 दिसंबर (युआईटीवी)- भारत के प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया,जिसका शोक भारतीय संगीत जगत और उनके प्रशंसकों में गहरा है। उस्ताद जाकिर हुसैन ने 16 दिसंबर को सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस ली। उनका निधन भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है,क्योंकि उन्होंने अपनी अद्वितीय कला के माध्यम से भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में एक नई पहचान दिलाई। उनका योगदान केवल भारत तक ही सीमित नहीं था,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी उनकी धूम थी। उनकी कला ने संगीत की सीमाओं को पार किया और भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई।
Deeply saddened by the passing of the legendary tabla maestro, Ustad Zakir Hussain Ji. He will be remembered as a true genius who revolutionized the world of Indian classical music. He also brought the tabla to the global stage, captivating millions with his unparalleled rhythm.…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2024
तबला वादक जाकिर हुसैन के निधन पर भारतीय नेताओं और शख्सियतों ने गहरा शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने शोक संदेश में लिखा, “शास्त्रीय संगीत की दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन से मुझे अत्यंत दुख पहुँचा है। तबला वादन को अपनी जीवनशैली बनाने वाले जाकिर हुसैन ने अपनी कला की गमक और धमक से भारतीय संगीत को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा दिलाई। उनका निधन कला और संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मशहूर शायर और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने भी शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “अलविदा उस्ताद,कोई जाकिर हुसैन पूरी दुनिया के लिए यूँ ही उस्ताद नहीं बन जाता है। आपकी उँगलियाँ तबले पर थाप देती थीं तो ऐसा लगता था तबला खुद आत्ममुग्ध होकर बज रहा है। आपकी साँसें भले रुक गईं,लेकिन इस संसार में आपके तबले की थाप अनंत काल तक गूँजती रहेगी।”
महान तबला वादक उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है।
उनका जाना संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन जी अपनी कला की ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जो हमेशा हमारी यादों में जीवित… pic.twitter.com/2lVcgf3ESv
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2024
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी शोक संदेश पोस्ट किया,जिसमें उन्होंने लिखा, “उस्ताद जाकिर हुसैन के परलोकगमन से केवल भारत ही नहीं,विश्व के संगीत जगत में एक शून्य आ गया है,जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। उन्होंने संगीत को एक प्रख्यात तबला वादक के रूप में एक नई ऊँचाई दी थी। ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों व प्रशंसकों को यह दुख धारण करने की शक्ति प्रदान करें।”
उस्ताद के निधन पर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भी शोक व्यक्त किया और लिखा, “विश्वविख्यात तबला वादक,पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन की खबर से मर्माहत हूँ। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा परिजनों एवं प्रशंसकों को यह दुख सहने की शक्ति दें। अंतिम जोहार।”
उस्ताद के निधन पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि, “मशहूर तबला वादक और पद्म विभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन का समाचार बेहद दुखद है। दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि व परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ।”
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना से लोकसभा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी शोक संदेश में लिखा, “भारतीय संगीत के अद्वितीय रत्न,पद्म विभूषण से सम्मानित महान तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन अत्यंत दुखद है। मैं विनम्र आदरांजलि अर्पित करता हूँ। संगीत और कला जगत के लिए उनकी कमी अपूरणीय है। इस कठिन समय में उनके परिवार,मित्रों तथा प्रशंसकों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूँ।”
राष्ट्रीय लोक दल ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा कि,”भारतीय संगीत के अद्वितीय साधक,विश्व प्रसिद्ध तबला वादक, पद्मविभूषण से सम्मानित उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन अत्यंत दुःखद है। भारतीय शास्त्रीय संगीत को उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है,जिसकी भरपाई असम्भव है। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें व उनके परिजनों-शुभचिंतकों को सम्बल प्रदान करें।”
उस्ताद जाकिर हुसैन ने अपने छह दशकों के करियर में भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संगीतकारों के साथ कई महत्वपूर्ण सहयोग किए। उन्होंने 1973 में प्रसिद्ध अंग्रेजी गिटारवादक जॉन मैकलॉघलिन,वायलिन वादक एल शंकर और तालवादक टीएच ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ एक संगीत प्रोजेक्ट पर काम किया,जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत और जैज़ का अद्वितीय फ्यूजन प्रस्तुत किया गया। इस प्रोजेक्ट ने भारतीय संगीत को पश्चिमी संगीत के साथ जोड़ा और नई धारा बनाई।
जाकिर हुसैन ने अपने करियर में विश्व प्रसिद्ध संगीतकारों जैसे रविशंकर,अली अकबर खान,शिवकुमार शर्मा,यो-यो मा,चार्ल्स लॉयड,बेला फ्लेक,एडगर मेयर,मिकी हार्ट और जॉर्ज हैरिसन के साथ भी काम किया। उनके अभूतपूर्व काम ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लोकप्रिय किया और भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलवाया।
उस्ताद जाकिर हुसैन का योगदान भारतीय संगीत के क्षेत्र में अनमोल रहेगा और उनकी संगीत यात्रा ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को न केवल भारत में,बल्कि पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उनकी धुनों की गूँज हमेशा संगीत प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगी।
