मुंबई,26 दिसंबर (युआईटीवी)- शरद पवार गुट (एनसीपी) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा,जिसके बाद पार्टी ने आगामी 8 और 9 जनवरी को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद की स्थिति पर चर्चा करना और पार्टी की आगामी रणनीतियों को निर्धारित करना है। शरद पवार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता इस बैठक में हिस्सा लेंगे।
8 जनवरी को एनसीपी ने सभी प्रकोष्ठों,विधायकों,सांसदों और विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। वहीं, 9 जनवरी को पार्टी के जिला और शहर अध्यक्षों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में पार्टी के संगठन को स्थानीय स्तर पर मजबूत करने,आगामी चुनावी तैयारियों और राज्य में पार्टी की स्थिति पर चर्चा की जाएगी।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है और इस बीच सभी दल आगामी निकाय चुनावों के लिए सक्रिय हो गए हैं। एनसीपी (शरद पवार गुट) की यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है,क्योंकि विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी को अपनी स्थिति और भविष्य की रणनीति पर विचार करने की जरूरत है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन के नेताओं ने ईवीएम छेड़छाड़ का आरोप लगाया है,जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। इस मुद्दे पर एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “मुझे लगता है कि जब तक मेरे पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं,तब तक इस प्रकार के आरोप लगाना सही नहीं है। एक ही ईवीएम से मैंने चार चुनाव जीते हैं।” यह बयान उनकी ओर से दिए गए एक तर्कपूर्ण उत्तर के रूप में देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘महायुति’ गठबंधन ने भारी बहुमत हासिल किया था। महायुति में शामिल भाजपा को 132 सीटें मिली,वहीं एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीटों पर जीत हासिल की,तो अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत हासिल की है।दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस को 16 सीटें प्राप्त हुई,जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को 10 सीटें मिली हैं। इसके अलावा,शिवसेना उद्धव गुट ने 20 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफलता प्राप्त की।
इस परिणाम के बाद,एनसीपी को अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने होंगे और शरद पवार गुट की बैठक इसका संकेत देती है कि पार्टी अपने संगठन को पुनः सक्रिय करने और अगले चुनावों के लिए तैयार होने के लिए गंभीर है।
