ट्यूलिप सिद्दीकी (तस्वीर क्रेडिट@dhakaBd422199)

शेख हसीना की भतीजी ट्यूलिप सिद्दीकी ने ब्रिटेन सरकार के मंत्री पद से दिया इस्तीफा

लंदन,15 जनवरी (युआईटीवी)- बांग्लादेश की अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भतीजी और ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद ट्यूलिप सिद्दीकी ने मंगलवार को ट्रेजरी मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। उनका यह कदम बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा उनके और उनके परिवार की संपत्तियों के उपयोग की जॉंच की माँग के बाद उठाया गया। ट्यूलिप सिद्दीक पर आरोप था कि बांग्लादेश के पूर्व शासन द्वारा उनके परिवार को दी गई संपत्तियों का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। हालाँकि,सिद्दीक ने इन आरोपों को नकारते हुए इस्तीफा देने का कारण सरकार के काम में पारिवारिक संबंधों के हस्तक्षेप से बचने की आवश्यकता बताई।

ट्यूलिप सिद्दीकी ने अपने इस्तीफे पत्र में कहा कि उन्हें मंत्रिस्तरीय संहिता का उल्लंघन करने का दोषी नहीं पाया गया था और निगरानी संस्था ने उन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ काम करने की पुष्टि की थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार के काम में किसी भी प्रकार का ध्यान भटकने से बचने के लिए उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उनका यह कदम इसलिए अहम था क्योंकि उनके इस्तीफे की अटकलें पहले ही लगाई जा रही थीं,खासकर तब जब बांग्लादेश के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने उनके और उनके परिवार की संपत्तियों के उपयोग की जाँच की माँग की थी।

इस मामले की शुरुआत तब हुई जब ब्रिटेन के मीडिया में रिपोर्ट्स आईं कि ट्यूलिप सिद्दीकी ने उत्तरी लंदन में एक फ्लैट का उपयोग किया था,जिसे उनकी बहन अज़मीना ने उन्हें दिया था। अज़मीना,शेख हसीना की भतीजी हैं और यह संपत्ति कथित तौर पर हसीना की अवामी लीग पार्टी से जुड़े एक व्यवसायी द्वारा दी गई थी। इसके अलावा,एक और संपत्ति का उल्लेख किया गया,जो मध्य लंदन में स्थित थी, जिसे हसीना के करीबी सहयोगियों ने ट्यूलिप को उपहार स्वरूप दिया था।

इसके बाद,कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया कि ट्यूलिप सिद्दीकी का नाम बांग्लादेश में चल रही भ्रष्टाचार विरोधी जाँच में भी लिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक,उन्हें ढाका के पास एक राजनयिक क्षेत्र में धोखाधड़ी से भूमि प्राप्त करने का आरोप था। हालाँकि,ट्यूलिप ने इन आरोपों से खुद को पूरी तरह से अलग किया और इन दावों को निराधार बताया।

ट्यूलिप सिद्दीकी के इस्तीफे को ब्रिटेन के विपक्षी नेता,सर कीर स्टार्मर ने समर्थन दिया। उन्होंने ट्यूलिप के इस्तीफे को सराहा और यह स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा एक कठिन निर्णय था,लेकिन उन्होंने इसे उचित कदम माना। स्टार्मर ने कहा कि, “मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूँ कि स्वतंत्र सलाहकार,सर लॉरी मैग्नस ने मुझे आश्वासन दिया है कि उन्हें मंत्रिस्तरीय संहिता का कोई उल्लंघन नहीं मिला है और आपकी ओर से वित्तीय अनियमितताओं का कोई सबूत नहीं मिला है।”

उन्होंने ट्यूलिप को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और यह कहा कि भविष्य में उनके लिए दरवाजे खुले रहेंगे। यह भी बताया कि ट्यूलिप ने पूरी पारदर्शिता के साथ अधिकारियों की सलाह का पालन किया था और उनके इस्तीफे के बाद भी सरकार का ध्यान मुद्दों पर बना रहेगा।

ट्यूलिप सिद्दीकी ने अपने इस्तीफे में यह स्पष्ट किया कि उनके पारिवारिक संबंध सार्वजनिक रूप से ज्ञात हैं,लेकिन उन्हें हमेशा ब्रिटेन के अधिकारियों की सलाह का पालन करते हुए काम किया। उनके मुताबिक,मंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय केवल इसलिए लिया गया क्योंकि उनके पारिवारिक संबंधों के कारण सरकार की कार्यशैली पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस कदम से उन्होंने यह दिखाया कि वह सार्वजनिक जिम्मेदारी और पारदर्शिता को महत्व देती हैं और अपने व्यक्तिगत संबंधों को पेशेवर जिम्मेदारियों से ऊपर नहीं रखना चाहतीं।

ट्यूलिप सिद्दीकी का इस्तीफा केवल व्यक्तिगत मामले तक सीमित नहीं था,बल्कि यह ब्रिटेन और बांग्लादेश के राजनीतिक और राजनयिक संबंधों पर भी असर डाल सकता था। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस की तरफ से की गई जाँच की माँग ने बांग्लादेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही कार्रवाई को और तेज कर दिया। इसके अलावा,यह घटना यह भी दर्शाती है कि बांग्लादेश और ब्रिटेन के बीच पारिवारिक संबंधों के कारण राजनीतिक दबाव और सार्वजनिक आरोपों का सामना करना पड़ सकता है,जो दोनों देशों के लिए संवेदनशील हो सकता है।

ट्यूलिप सिद्दीकी का इस्तीफा एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है,जो पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सार्वजनिक पदों पर पारिवारिक संबंधों के प्रभाव को लेकर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है। हालाँकि,उन्हें किसी भी भ्रष्टाचार का दोषी नहीं ठहराया गया,फिर भी उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर सरकार के काम में पारिवारिक रिश्तों से उत्पन्न होने वाली किसी भी तरह की रुकावट से बचने का निर्णय लिया। यह घटना इस बात को भी रेखांकित करती है कि सार्वजनिक पदों पर काम करने वाले व्यक्तियों को किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए अधिक पारदर्शिता और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए।