एरिक गार्सेटी और पीएम मोदी (तस्वीर क्रेडिट@USAmbIndia)

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने ट्रंप के शपथ समारोह से पहले अमेरिका-भारत के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने का श्रेय ‘पीएम मोदी और बाइडेन को दिया

नई दिल्ली,20 जनवरी (युआईटीवी)- भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया,जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के संयुक्त प्रयासों के कारण अमेरिका और भारत के रिश्ते नई ऊँचाइयों तक पहुँचे हैं। गार्सेटी ने यह बयान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद दिया और उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते हुए रिश्तों पर जोर दिया। रविवार को गार्सेटी और उनके परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनके मध्य कई मुद्दों पर बातचीत हुई। गार्सेटी ने बताया कि दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व मील के पत्थर हासिल किए हैं,जिनमें वीजा,व्यापार,रक्षा सहयोग,अंतरिक्ष सहयोग,छात्र विनिमय और निवेश जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।

गार्सेटी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी मुलाकात को “शानदार” बताया और कहा कि यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका और भारत की साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया गया है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी रिकॉर्ड तोड़ रही है,जिसमें रिकॉर्ड वीजा,व्यापार,रक्षा सहयोग,अंतरिक्ष सहयोग, छात्रवृत्तियों और निवेश की वृद्धि शामिल है। गार्सेटी के अनुसार,यह साझेदारी अब केवल एक सामान्य सहयोग नहीं बल्कि एक रणनीतिक और स्थायी साझेदारी बन चुकी है,जो आने वाले वर्षों में और अधिक मजबूत होगी।

गार्सेटी ने अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता के प्रति आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “एक पीढ़ी पहले जो अकल्पनीय लगता था,वह अब हमारे नेताओं और हमारे राष्ट्र के लोगों के प्रयासों के कारण अपरिहार्य लगता है।” गार्सेटी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और भारतीयों के साथ इस अध्याय को साझा करना उनके लिए एक खुशी का अनुभव रहा है।

अमेरिकी राजदूत ने अपनी भारत यात्रा के दौरान बेंगलुरु में शुक्रवार को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास कार्यालय के उद्घाटन समारोह में भी भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि अमेरिका भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार कर रहा है। गार्सेटी ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका ने भारत में कोई नई उपस्थिति शुरू नहीं की है,बल्कि अपनी मौजूदा उपस्थिति को और मजबूत किया है। उन्होंने कहा, “हम यहाँ कोई नई उपस्थिति शुरू नहीं कर रहे हैं,बल्कि हम कर्नाटक में अपनी मौजूदगी का विस्तार कर रहे हैं। यह हमारी प्रतिबद्धता है,जो हम इस अद्भुत राष्ट्र और इस महान राज्य और शहर के लिए कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि इस कार्यालय का उद्घाटन अमेरिका और भारत के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गार्सेटी ने इस उद्घाटन को भारत में अमेरिकी उपस्थिति के विस्तार का प्रतीक बताया,न कि किसी नई शुरुआत का। उन्होंने अमेरिका-भारत संबंधों के समृद्ध इतिहास की ओर भी इशारा किया,जो 1776 में अमेरिका की स्वतंत्रता के बाद शुरू हुआ था,जब अमेरिका ने भारत के कोलकाता में अपना दूसरा वाणिज्य दूतावास खोला था। गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका-भारत रिश्तों का यह ऐतिहासिक पहलू अब और भी मजबूत हो गया है और यह आगे बढ़ने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।

गार्सेटी ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध पहले से कहीं अधिक गहरे और विस्तृत हो चुके हैं, और यह दोनों देशों के बीच साझेदारी का विस्तार करने का समय है। उन्होंने बताया कि अमेरिका भारत के साथ अपनी साझेदारी को एक पीढ़ी पहले की तुलना में अब कहीं अधिक मजबूत और स्थिर मानता है। गार्सेटी ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं कि यह शुरुआत एक ऐसा बीज बोए, जो आने वाले दशकों तक फलता-फूलता रहे।”

उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका का रिश्ता नया नहीं है। 1776 में अमेरिका की स्वतंत्रता के बाद, अमेरिका ने भारत के कोलकाता में अपना दूसरा वाणिज्य दूतावास खोला था, जो उस समय भारतीय उपमहाद्वीप के महत्व को दर्शाता था। गार्सेटी ने बताया कि आज अमेरिका का मिशन भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मिशन बन चुका है, जिसमें सात वाणिज्यिक कार्यालय हैं, और यह अमेरिका-भारत साझेदारी के मजबूत होते हुए रिश्ते को दर्शाता है।

अमेरिकी राजदूत ने यह भी कहा कि अमेरिका-भारत संबंध अब केवल कागजी नहीं बल्कि वास्तविक और सशक्त साझेदारी बन चुके हैं। वे अब रिकॉर्ड तोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं,जैसे रिकॉर्ड वीजा,रिकॉर्ड व्यापार,रिकॉर्ड रक्षा सहयोग,रिकॉर्ड छात्र और बहुत कुछ। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के मध्य रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग भी अभूतपूर्व स्तर पर पहुँच चुका है और यह साझेदारी आगे भी विकास करेगी।

अंत में गार्सेटी ने कहा कि यह यात्रा और उद्घाटन समारोह भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों की नई ऊँचाई का प्रतीक है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि उनकी और राष्ट्रपति बाइडेन की संयुक्त कोशिशों से दोनों देशों के रिश्ते अब पहले से कहीं अधिक मजबूती से जुड़े हुए हैं।

गार्सेटी की यह यात्रा और उनके बयानों ने अमेरिका और भारत के रिश्तों को नए मुकाम पर पहुँचाने का इशारा किया है और यह सहयोग आने वाले वर्षों में और अधिक प्रगति की ओर अग्रसर होगा।