ममता बनर्जी

आरजी कर मामला : बंगाल सरकार ने दोषी को मौत की सजा दिलाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का किया रुख

कोलकाता,21 जनवरी (युआईटीवी)- आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई,जिसको चुनौती देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर मृत्युदंड की माँग की है। विशेष अदालत के संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने मृत्युदंड की माँग की है।

राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति शब्बार रशीदी की खंडपीठ से इस मामले में दोषी के लिए मृत्युदंड की सजा की अपील की। खंडपीठ ने राज्य सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है और मामले की सुनवाई आगे बढ़ाए जाने का आदेश दिया है।

इस मामले में सजा सुनाए जाने के बाद,सोमवार शाम को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह घोषणा की थी कि राज्य सरकार इस फैसले को चुनौती देने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दोषी के लिए “मृत्युदंड” की सजा की माँग करेगी,क्योंकि यह अपराध अत्यधिक गंभीर और जघन्य था।

ममता बनर्जी ने इस अपराध को जघन्य अपराध बताते हुए अपने बयान में कहा कि “मेरा दृढ़ विश्वास है कि यह अपराध एक जघन्य अपराध है और इसके लिए मृत्युदंड दिया जाना चाहिए। हम अब उच्च न्यायालय में दोषी को मृत्युदंड दिए जाने की माँग करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि वह विशेष अदालत के फैसले से चकित हैं,क्योंकि अदालत ने इस अपराध को “दुर्लभतम” नहीं माना,जबकि मुख्यमंत्री के अनुसार,यह सचमुच एक दुर्लभतम मामला था,जिसके लिए मृत्युदंड की आवश्यकता थी।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, “पिछले 3-4 महीनों में हमने ऐसे कई मामलों में दोषियों के लिए मृत्युदंड या अधिकतम सजा सुनिश्चित की है। फिर इस मामले में मृत्युदंड क्यों नहीं दिया गया?” उन्होंने इस अपराध को बेहद भयावह और संवेदनशील बताया और कहा कि यदि यह मामला राज्य पुलिस या कोलकाता पुलिस के हाथ में होता,तो दोषी को बहुत पहले मृत्युदंड मिल जाता।

विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिरबन दास ने इस मामले में सजा का ऐलान करते हुए कहा कि केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) का यह तर्क कि रॉय का अपराध “सबसे दुर्लभ और दुर्लभ अपराध” था,अदालत ने इसे मान्य नहीं किया। अदालत ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में इस तरह के अपराधों के लिए मृत्युदंड की सजा जरूरी नहीं होती और इसलिए संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा दी गई।

यह मामला पश्चिम बंगाल में एक भयावह घटना के रूप में सामने आया था,जब आर.जी.कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना सामने आई। इस मामले ने राज्य भर में भारी आक्रोश और गुस्से की लहर पैदा की थी। इस जघन्य अपराध के आरोपी संजय रॉय को पुलिस ने जल्द ही गिरफ्तार कर लिया था और मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने उसे दोषी ठहराया।

सजा के ऐलान के बाद राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि वे इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और दोषी के लिए अधिक कठोर सजा की माँग करेंगे। अब यह देखना बाकी है कि उच्च न्यायालय इस मामले में राज्य सरकार की अपील पर क्या फैसला सुनाता है।