अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (तस्वीर क्रेडिट@Inspiai)

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस ने 25,000 करोड़ रुपये का भड़ला-फतेहपुर एचवीडीसी प्रोजेक्ट जीता

अहमदाबाद,22 जनवरी (युआईटीवी)- अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) ने 25,000 करोड़ रुपये का एक महत्वपूर्ण हाई वोल्टेज डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) प्रोजेक्ट हासिल करने की घोषणा की,जो राजस्थान के भड़ला से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर तक फैला हुआ है। यह प्रोजेक्ट एईएसएल द्वारा जीते गए अब तक के सबसे बड़े प्रोजेक्ट के रूप में माना जा रहा है।

इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद,एईएसएल की कुल ऑर्डर बुक 54,761 करोड़ रुपये तक पहुँच गई है। इसके अलावा,कंपनी का ट्रांसमिशन नेटवर्क अब 25,778 सर्किट किलोमीटर (सीकेएम) तक पहुँच चुका है और ट्रांसफॉर्मेशन कैपेसिटी भी बढ़कर 84,186 मेगावोल्ट-एम्पियर्स (एमवीए) हो गई है।

एईएसएल के सीईओ कंदर्प पटेल ने इस अवसर पर कहा कि कंपनी भारत के कुछ सबसे दुर्गम क्षेत्रों से रिन्यूएबल एनर्जी की कुशल निकासी करके और उसे राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़कर भारत की डीकार्बोनाइजेशन यात्रा में अपनी भूमिका निभा रही है। पटेल ने यह भी कहा कि वे प्रोजेक्ट को समय पर और न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव के साथ पूरा करने के लिए नवीनतम तकनीकी उपायों का उपयोग करेंगे।

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड,जो कि अदाणी समूह का हिस्सा है,भारत की सबसे बड़ी निजी ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है। इस प्रोजेक्ट को कंपनी ने टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) के तहत जीता है और इस बोली प्रक्रिया को आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) ने समन्वयित किया था।

कंपनी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट की विशेष परियोजना वाहन (एसपीवी) को आधिकारिक रूप से 20 जनवरी, 2025 को एईएसएल को ट्रांसफर कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट से भड़ला-III के अलावा राजस्थान के विभिन्न रिन्यूएबल एनर्जी ज़ोन (आरईजेड) से उत्तर भारत के माँग केंद्रों और राष्ट्रीय ग्रिड तक 6 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी की आपूर्ति में मदद मिलेगी। एईएसएल इस प्रोजेक्ट को 4.5 साल में पूरा करेगी।

यह उल्लेखनीय है कि एईएसएल प्राइवेट सेक्टर की एकमात्र कंपनी है,जिसके पास एचवीडीसी एसेट्स हैं। भड़ला-फतेहपुर प्रोजेक्ट एईएसएल का तीसरा एचवीडीसी प्रोजेक्ट है। इससे पहले मुंद्रा महेंद्रगढ़ प्रोजेक्ट और आरे-कुदुस प्रोजेक्ट (जो कि एईएसएल की सहायक कंपनी एईएमएल द्वारा पूरा किया जा रहा है) शामिल थे।

कंपनी के ट्रांसमिशन नेटवर्क में कुल 25,778 सर्किट किलोमीटर और ट्रांसफॉर्मेशन कैपेसिटी में 84,186 मेगावोल्ट-एम्पियर्स की क्षमता है। इसके अलावा,एईएसएल अपने खुदरा बिजली वितरण व्यवसाय में भी सक्रिय है और अब तक महानगर मुंबई और मुंद्रा एसईजेड के औद्योगिक केंद्रों में लगभग 1.3 करोड़ उपभोक्ताओं को सेवा प्रदान कर रही है।

कंपनी की योजना भविष्य में भारत के अन्य क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने की है,खासकर रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में। यह प्रोजेक्ट कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है,क्योंकि इससे ना केवल कंपनी की क्षमता में वृद्धि होगी,बल्कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा।