नई दिल्ली,3 फरवरी (युआईटीवी)- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव प्रचार सोमवार शाम 5 बजे थम जाएगा। इस दिन तक सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे और अपनी जीत के लिए अंतिम कोशिश करेंगे। इस दौरान भाजपा के प्रत्याशियों के समर्थन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जंगपुरा,बिजवासन और द्वारका विधानसभा क्षेत्रों में तीन महत्वपूर्ण जनसभाएँ करेंगे। वहीं दूसरी ओर, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आप प्रत्याशियों के लिए कालकाजी और छतरपुर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी प्रचार करेंगे।
अरविंद केजरीवाल चौथी बार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद लगाए हुए हैं। इस बार वह नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं, जहाँ उनका मुकाबला भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। इस सीट पर दोनों विपक्षी दलों ने मजबूत दावेदार खड़े किए हैं,जिससे केजरीवाल के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालाँकि,दिल्ली में आप सरकार के कामकाज और उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें जीत की उम्मीद है।
कालकाजी विधानसभा सीट पर भी एक कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट से आप की उम्मीदवार मुख्यमंत्री आतिशी दूसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला भाजपा की रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस की अलका लांबा से है। आतिशी ने 2020 में पहली बार कालकाजी से चुनाव लड़ा था और इस सीट पर जीत हासिल की थी। विधायक बनने के बाद उन्होंने पार्टी की प्रवक्ता के तौर पर सरकार की नीतियों को जनता तक पहुँचाया और कई विभागों की जिम्मेदारी भी निभाई। केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें पार्टी ने दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री चुना था। अब उनका विश्वास है कि वह दूसरी बार कालकाजी से चुनाव जीतेंगी और इस बार भी पार्टी की सत्ता को मजबूती से बनाए रखेंगी।
कालकाजी के अलावा छतरपुर विधानसभा क्षेत्र भी मुख्य चुनावी केंद्र बन चुका है। यहाँ पर आप के ब्रह्म सिंह तंवर,भाजपा के करतार सिंह तंवर और कांग्रेस के राजेंद्र सिंह तंवर के बीच मुकाबला है। खास बात यह है कि करतार सिंह तंवर ने 2020 में आप के टिकट पर छतरपुर सीट जीती थी,लेकिन पिछले साल वे भाजपा में शामिल हो गए हैं और अब भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इससे मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है,क्योंकि उनका पूर्व पार्टी से जुड़ा इतिहास और भाजपा में शामिल होने के बाद का रुख दोनों ही पक्षों के लिए एक अहम मुद्दा बन गए हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में इन प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों के अलावा पूरे राज्य में अन्य सीटों पर भी जोरदार मुकाबला हो रहा है। भाजपा और आप दोनों ही अपनी जीत के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। भाजपा ने जहाँ अपने पुराने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारा है,वहीं आप ने भी अपने सशक्त उम्मीदवारों को आगे किया है। इसके अलावा कांग्रेस भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही है, हालाँकि,उसका मुकाबला भाजपा और आप के बीच हो रहा है।
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होगा और इसके परिणामों की घोषणा 8 फरवरी को होगी। इस बार चुनावी प्रचार में सोशल मीडिया,रैलियाँ,जनसभाएँ और घर-घर जाकर वोट माँगने की रणनीति के जरिए सभी पार्टियाँ अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत कर रही हैं। चुनाव के नतीजे न केवल दिल्ली की राजनीति को प्रभावित करेंगे,बल्कि देश की राष्ट्रीय राजनीति पर भी प्रभाव डाल सकते हैं,क्योंकि दिल्ली की सत्ता कई मायनों में एक प्रमुख उदाहरण बन चुकी है।
