आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 : आचार संहिता उल्लंघन में चुनाव से एक दिन पहले आतिशी समेत कई लोगों पर दर्ज हुई एफआईआर

नई दिल्ली,4 फरवरी (युआईटीवी)- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से एक दिन पहले कालका जी विधानसभा क्षेत्र में बीती देर रात तक जमकर हंगामा हुआ। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए,जिसमें मारपीट और कैश बॉंटने के आरोप प्रमुख थे। इस विवाद के बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी गोविंदपुरी थाने पहुँची और पुलिस को एक शिकायत दी,जिसमें उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर दिल्ली के झुग्गी-बस्तियों के लोगों को धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ता लोगों को डराकर उनसे वोट माँग रहे थे और उन पर दबाव डालने की कोशिश कर रहे थे।

आतिशी के आरोपों के बाद, पुलिस ने उनकी शिकायत के बावजूद उल्टे उनके और आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दो मामले दर्ज कर दिए। पुलिस के अनुसार,दोनों मामले सरकारी काम में बाधा डालने और आचार संहिता के उल्लंघन से जुड़े हुए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार का समय 3 फरवरी को शाम को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया था,लेकिन इसके बाद भी देर रात तक विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ताओं को प्रचार करते हुए देखा गया, जिसके कारण कई जगहों पर हंगामा हुआ। इस दौरान सबसे ज्यादा हंगामा मुख्यमंत्री आतिशी की सीट वाले क्षेत्र कालका जी में हुआ। इस घटना के बाद गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन में पुलिस ने आचार संहिता उल्लंघन के तहत आतिशी और उनके समर्थकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि आतिशी और उनके समर्थक 10 गाड़ियों और 50-60 लोगों के साथ फतेह सिंह मार्ग पर पहुँचे थे,जबकि प्रचार का समय समाप्त हो चुका था। जब पुलिस ने उन्हें आचार संहिता का हवाला देते हुए वहाँ से जाने का आदेश दिया,तो आतिशी और उनके समर्थकों ने इसे मानने से मना कर दिया,जिसके कारण पुलिस को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी पड़ी। चुनाव आयोग की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था।

वहीं, दूसरे मामले में,आतिशी के समर्थकों पर सरकारी काम में बाधा डालने और पुलिस पर हमले का आरोप लगाया गया है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भी केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक,4 फरवरी को रात 12:30 बजे कालका जी क्षेत्र (एसी-51) में आतिशी और उनके 50-70 समर्थक फतेह सिंह मार्ग पर पाए गए। पुलिस ने उन्हें वहाँ से जाने का आदेश दिया,क्योंकि यह समय आचार संहिता के उल्लंघन का था। एफएसटी की शिकायत पर गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन में धारा 223 बीएनएस और 126 आरपी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

इन घटनाओं के बाद,आतिशी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि चुनाव आयोग केवल उनके खिलाफ ही कार्रवाई कर रहा है, जबकि भाजपा के नेता रमेश बिधूड़ी और उनके परिवार के सदस्य खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ता बिना किसी डर के झुग्गी बस्तियों में कैश बाँटने का काम कर रहे हैं,लेकिन चुनाव आयोग और पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनकी शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर दी,तो भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

आतिशी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग और पुलिस की निष्क्रियता से यह प्रतीत होता है कि चुनावी प्रक्रिया की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग और पुलिस ने केवल एकतरफा कार्रवाई की है और भाजपा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।

दिल्ली पुलिस की तरफ से बताया गया कि भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के भतीजे मनीष बिधूड़ी के खिलाफ रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। एक गाड़ी में संदिग्ध सामान होने की सूचना मिली थी,लेकिन जॉंच के दौरान कुछ भी आपत्तिजनक सामान नहीं मिला।

इस हंगामे के बाद,दिल्ली में चुनावी माहौल और भी गरम हो गया है। विभिन्न पार्टियाँ एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं और पुलिस के खिलाफ भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच तनाव बढ़ चुका है और प्रचार के अंतिम समय में आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लग गई है। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग और पुलिस इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं और क्या इस हंगामे के बाद चुनावी प्रक्रिया पर असर पड़ेगा या नहीं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीति और चुनाव प्रचार के इस असंवेदनशील रूप ने यह साबित कर दिया कि चुनावी मुकाबला केवल सत्ता हासिल करने के लिए नहीं,बल्कि किसी भी कीमत पर विरोधियों को कमजोर करने के लिए भी हो सकता है।