बिजनौर,1 मार्च (युआईटीवी)- बेल्जियम की राजकुमारी एग्रिस्टो 28 फरवरी को भारत आईं और उनका यह दौरा 8 मार्च तक रहेगा। इस दौरान वह कई कार्यक्रमों का हिस्सा बनेंगी,लेकिन सबसे अधिक चर्चा उनके बिजनौर दौरे की हो रही है। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में वह एक अहम कार्यक्रम में शामिल होने वाली हैं,जिससे इस क्षेत्र में खासा उत्साह है कि आखिरकार, राजकुमारी यहाँ क्यों आ रही हैं?
राजकुमारी एग्रिस्टो दो मार्च को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में स्थित बेल्जियम की कंपनी एग्रिस्टो मासा पोटैटो प्लांट की दूसरी यूनिट का शिलान्यास करेंगी। यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न सिर्फ कंपनी के लिए,बल्कि भारत-बेल्जियम के व्यापारिक रिश्तों के लिए भी एक बड़ी बात है। राजकुमारी इस शिलान्यास कार्यक्रम में करीब 1 घंटा 55 मिनट तक रहेंगी। भूमि पूजन के दौरान परंपरागत रूप से कुदाल से मिट्टी खोदकर नई यूनिट के निर्माण का शुभारंभ करेंगी। इस अवसर पर बेल्जियम के रक्षा मंत्री,उप प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री भी मौजूद होंगे, साथ ही 60 गणमान्य अतिथि भी कार्यक्रम में शरीक होंगे।
इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इसमें शिरकत कर सकते हैं। कार्यक्रम को लेकर स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है। जिलाधिकारी जसजीत कौर और पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा ने फैक्ट्री परिसर का दौरा किया,जहाँ सुरक्षा व्यवस्था,हेलीपैड और रूट डायवर्जन प्लान का निरीक्षण किया गया। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं,ताकि कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया जा सके।
एग्रिस्टो मासा पोटैटो प्लांट दुनिया का पहला आलू बनाने वाला प्लांट है और यह बिजनौर के महमूदनगर गाँव में स्थित है। इस प्लांट से बनाए गए उत्पाद कई देशों में निर्यात किए जाते हैं,जिनमें फ्रांस,इंग्लैंड,जर्मनी,इटली,कनाडा,मलेशिया,अर्जेंटीना, वियतनाम और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। यह न केवल भारत के लिए एक गौरव की बात है,बल्कि बेल्जियम और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्लांट का शिलान्यास भारत में बेल्जियम के व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
विदेश मंत्रालय ने राजकुमारी के दौरे का पूरा ब्योरा जारी किया है। इसके अनुसार, 28 फरवरी को राजकुमारी एग्रिस्टो भारत पहुँची। एक मार्च को दिल्ली में उनके लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 2 मार्च को बिजनौर में पोटैटो प्लांट की दूसरी यूनिट का शिलान्यास करने के बाद,वह 3 मार्च को त्रावणकोर पैलेस का दौरा करेंगी। इस दौरान वह वहाँ के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को जानने का प्रयास करेंगी।
4 मार्च को राजकुमारी का विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से हैदराबाद हाउस में मुलाकात होगी। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच विदेश नीति और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हो सकती है। 5 और 7 मार्च को राजकुमारी मुंबई में रहेंगी, जहाँ उनके लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मुंबई में वह व्यापारिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगी,जो भारत और बेल्जियम के रिश्तों को और मजबूत करेंगे।
7 मार्च 2025 को राजकुमारी महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से शिष्टाचार भेंट करेंगी। यह मुलाकात राजभवन मुंबई में होगी और इसका फोटो सत्र केवल आधिकारिक होगा। इसके बाद,शनिवार 8 मार्च 2025 को,राजकुमारी भारत से प्रस्थान करेंगी। उनका यह दौरा भारत-बेल्जियम के रिश्तों को और मजबूत करेगा तथा दोनों देशों के मध्य व्यापार,सांस्कृतिक और राजनैतिक सहयोग को प्रोत्साहित करेगा।
इस पूरे दौरे का उद्देश्य भारत और बेल्जियम के बीच के संबंधों को और प्रगाढ़ करना है। जहाँ एक ओर व्यापारिक मामलों में सहयोग को बढ़ावा देना है,वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं को भी समाहित किया जाएगा। राजकुमारी एग्रिस्टो का यह दौरा न केवल बेल्जियम के निवेश और व्यापार के लिए लाभकारी होगा,बल्कि भारत के आर्थिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी एक अहम कदम साबित होगा।
राजकुमारी का भारत दौरा विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण है,जिसमें व्यापारिक निवेश, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और राजनैतिक सहयोग की दिशा में कई नए अवसरों की संभावना है।

