नई दिल्ली,28 अप्रैल (युआईटीवी)- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दुखद आतंकवादी हमले के बाद,जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई,विपक्ष ने इलाके में सुरक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान,विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया कि हमले वाली जगह बैसरन में सेना क्यों नहीं तैनात की गई।
जवाब में,केंद्र सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था में चूक को स्वीकार किया। यह पता चला कि स्थानीय टूर ऑपरेटरों ने खुफिया एजेंसियों से आवश्यक मंजूरी प्राप्त किए बिना ही पर्यटकों के लिए बैसरन मार्ग खोल दिया था। इस अनधिकृत निर्णय के कारण इस क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना ही प्रवेश संभव हो गया।
सरकार ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अमरनाथ यात्रा की तैयारी के लिए बैसरन को हर साल सुरक्षित रखा जाता है। हालाँकि,हमले के समय,इस क्षेत्र की किलेबंदी नहीं की गई थी, जिससे पर्यटकों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई।
इसके बाद,सरकार ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा प्रोटोकॉल की व्यापक समीक्षा शुरू की है।