नई दिल्ली,30 अप्रैल (युआईटीवी)- हाशिम मूसा,जो कि पाकिस्तानी सेना का एक पूर्व पैरा कमांडो है,की पहचान 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मुख्य संदिग्ध के रूप में की गई है,जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी,जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। जाँच से पता चलता है कि मूसा,पाकिस्तानी सेना के विशेष बलों से बर्खास्त होने के बाद,प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) में शामिल हो गया। उसने सितंबर 2023 में भारत में घुसपैठ की और तब से वह जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है,मुख्य रूप से श्रीनगर के पास बडगाम जिले में सक्रिय है।
मूसा की सैन्य पृष्ठभूमि का खुलासा ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्लू) से पूछताछ के दौरान हुआ,जिन्होंने हमलावरों की सहायता की थी। इन ओजीडब्लू ने रसद सहायता प्रदान की और टोही मिशनों में मदद की। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि अपरंपरागत युद्ध,गुप्त ऑपरेशन और अत्याधुनिक हथियारों को संभालने में मूसा की विशेषज्ञता ने हमले को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हमले में शामिल तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए हैं,जिसमें हाशिम मूसा (उर्फ सुलेमान),अली भाई (उर्फ तल्हा भाई) हैं। ये दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं। तीसरा संदिग्धआदिल हुसैन थोकर,अनंतनाग,जम्मू-कश्मीर का निवासी है। उनकी गिरफ्तारी के लिए विश्वसनीय सूचना देने पर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
अधिकारियों ने पहलगाम हमले को क्षेत्र में हुई पिछली घटनाओं से जोड़ा है,जिसमें 2024 में गगनगीर और बूटा पथरी में हुए हमले शामिल हैं,जो गैर-स्थानीय नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने के पैटर्न का सुझाव देते हैं। ऐसे हमलों में एक पूर्व पाकिस्तानी सैन्यकर्मी की संलिप्तता राज्य के अभिनेताओं और आतंकवादी संगठनों के बीच सांठगांठ के बारे में चिंताओं को रेखांकित करती है।
हमले के जवाब में भारत ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए हैं,कई पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया है और अपराधियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव को भी बढ़ा दिया है। भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों पर हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया है।