कमल हासन

कमल हासन की कन्नड़ भाषा को लेकर टिप्पणी पर विवाद,कमल हासन की तस्वीर जलाने वाले युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बेंगलुरु,31 मई (युआईटीवी)- प्रसिद्ध अभिनेता और नेता कमल हासन एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला उनकी नई फिल्म “ठग लाइफ” के प्रमोशन के दौरान कन्नड़ भाषा पर दिए गए एक बयान से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि “कन्नड़ भाषा तमिल से जन्मी है” और इसी एक बयान ने कर्नाटक में भारी विरोध की लहर पैदा कर दी। इतना ही नहीं,बेंगलुरु में उनकी तस्वीर जलाए जाने और फिल्म के पोस्टर फाड़े जाने जैसी घटनाएँ भी सामने आई हैं।

इस मामले में बसवेश्वरनगर पुलिस ने शुक्रवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए बीएनएस की धारा 270 और 283 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने बताया कि एक समूह द्वारा कमल हासन की तस्वीर में आग लगाने की घटना सामने आने के बाद कार्यवाही की गई। इस घटना के संबंध में 33 वर्षीय रविकुमार नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही,करुणादा युवा सेना के सदस्यों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

विवाद की जड़ 28 मई को चेन्नई में आयोजित एक प्रमोशनल इवेंट में हुई,जहाँ कमल हासन अपनी आगामी फिल्म “ठग लाइफ” का प्रचार कर रहे थे। इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत “उइरे उरावे तमीझे” (मेरा जीवन और मेरा परिवार तमिल में है) से की। उन्होंने कहा कि तमिल उनके अस्तित्व का केंद्र है और भाषा से उनका गहरा जुड़ाव है।

आगे चलते हुए, उन्होंने मंच पर मौजूद कन्नड़ अभिनेता शिवराजकुमार का हवाला देते हुए कहा,”आपकी भाषा तमिल से उत्पन्न हुई है, इसलिए आप भी हमारे परिवार का हिस्सा हैं।” हासन के इस बयान को कर्नाटक में कन्नड़ भाषा की स्वतंत्र पहचान और गौरव पर चोट के रूप में देखा गया।

कमल हासन की टिप्पणी पर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई।भाजपा नेता बी.वाई. विजयेंद्र,जो कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष हैं, उन्होंने इस टिप्पणी को “असभ्य और अपमानजनक” बताया। उन्होंने कहा कि कमल हासन ने न सिर्फ कन्नड़ भाषा का अपमान किया है,बल्कि उसके बोलने वालों की उदारता और सम्मान को भी नजरअंदाज किया है।

उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि एक अभिनेता को भाषाओं की उत्पत्ति के बारे में ऐतिहासिक दावे करने का अधिकार किसने दिया? विजयेंद्र ने इसे पूरी तरह से एक गैर-जिम्मेदाराना और विभाजनकारी बयान बताया,जो भाषाई एकता के खिलाफ जाता है।

कन्नड़ समर्थक समूहों ने भी अपने गुस्से का खुलकर इज़हार किया।कर्नाटक रक्षणा वेदिके के कार्यकर्ताओं ने बेंगलुरु में “ठग लाइफ” के पोस्टर फाड़े और प्रदर्शन किया। उन्होंने कमल हासन से बिना शर्त माफी की माँग की और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो राज्यभर में फिल्म के बहिष्कार का अभियान चलाया जाएगा।

कुछ संगठनों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की भी माँग की है,जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि यह मामला सिर्फ एक बयान का नहीं,बल्कि एक भावनात्मक और सांस्कृतिक मुद्दा बन चुका है।

कमल हासन ने अपने भाषण में यह जताने की कोशिश की थी कि दक्षिण भारतीय भाषाएँ एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं और उनका पारिवारिक रिश्ता है,लेकिन उनका “कन्नड़ तमिल से उत्पन्न हुई है” कहना कई लोगों को सांस्कृतिक अहंकार जैसा लगा।

हालाँकि,भाषा विशेषज्ञों का मानना है कि तमिल और कन्नड़ दोनों द्रविड़ परिवार की भाषाएँ हैं और उनका विकास समानांतर रूप से हुआ है। इसलिए यह कहना कि एक भाषा दूसरी से “पैदा हुई” है,ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी गलत है और भावनात्मक रूप से भी संवेदनशील।

कमल हासन की ये फिल्म 5 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है। इस विवाद के चलते फिल्म की रिलीज पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। अगर कन्नड़ संगठनों का विरोध यूँ ही जारी रहा,तो कर्नाटक में इसके प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।

कमल हासन जैसे वरिष्ठ अभिनेता से ऐसी टिप्पणी की उम्मीद शायद किसी ने नहीं की थी,जहाँ एक तरफ उन्होंने अपनी मातृभाषा तमिल के प्रति प्रेम जताया,वहीं दूसरी तरफ अन्य भाषाओं की गरिमा को ठेस पहुँचा दी। भारत जैसे बहुभाषी देश में इस तरह की टिप्पणियाँ ना सिर्फ विवादों को जन्म देती हैं,बल्कि सांस्कृतिक सौहार्द को भी नुकसान पहुँचाती हैं।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कमल हासन इस विवाद पर क्या सफाई देते हैं और क्या वो कर्नाटक के लोगों से माफी माँगते हैं। फिलहाल इतना तय है कि एक फिल्म के प्रमोशन के दौरान दिया गया एक भाषण,एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बन चुका है, जिसकी गूँज शायद फिल्म की रिलीज तक सुनाई देती रहेगी।