कीव,3 जून (युआईटीवी)- यूक्रेन ने अब तक का अपना सबसे व्यापक और दूरगामी ड्रोन ऑपरेशन किया,जिसका कोडनेम ऑपरेशन स्पाइडरवेब था,जिसमें रूसी क्षेत्र में गहरे रूसी सैन्य एयरबेस को निशाना बनाया गया। इस सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध हमले में 117 ड्रोन शामिल थे,जिन्हें 18 महीने की अवधि में गुप्त रूप से रूस में तस्करी करके लाया गया था और देश के भीतर छिपे हुए स्थानों से लॉन्च किया गया था। ड्रोन ने पाँच प्रमुख एयरबेसों- बेलाया,डायगिलेवो,इवानोवो सेवर्नी,ओलेन्या और उक्रेंका पर हमला किया,जिसके परिणामस्वरूप 40 से अधिक रूसी सैन्य विमान नष्ट हो गए या क्षतिग्रस्त हो गए,जिनमें रणनीतिक टीयू-95 और टीयू-22 बमवर्षक और ए-50 रडार विमान शामिल थे। अनुमानित क्षति लगभग 7 बिलियन डॉलर है, जिसने रूस की लंबी दूरी की विमानन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने इस ऑपरेशन को “शानदार परिणाम” बताया, इसके रणनीतिक महत्व और लंबी दूरी के सैन्य अभियानों के संचालन में देश की बढ़ती क्षमताओं पर जोर दिया। इस्तांबुल में नए सिरे से शांति वार्ता से ठीक पहले होने वाले हमले का समय,रूसी आक्रामकता का मुकाबला करने और कूटनीतिक वार्ता को प्रभावित करने के यूक्रेन के संकल्प को रेखांकित करता है।
जवाब में,रूस ने हमलों की निंदा आतंकवाद के कृत्य के रूप में की, कुछ अधिकारियों ने पर्ल हार्बर जैसी ऐतिहासिक घटनाओं से इसकी तुलना की। रूसी रक्षा मंत्रालय ने हमलों की पुष्टि की,जिसमें विमानों को नुकसान और इरकुत्स्क और मरमंस्क सहित क्षेत्रों में एयरबेसों में आग लगने की बात कही गई। इस घटना ने शांति वार्ता से पहले तनाव को बढ़ा दिया है। दोनों पक्षों को चल रहे संघर्ष का समाधान खोजने के लिए बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
