बेंगलुरु हादसा (तस्वीर क्रेडिट@jpsin1)

आरसीबी की जीत के जश्न में मातम,बेंगलुरु भगदड़ हादसे ने ली 11 जानें,प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख

नई दिल्ली,5 जून (युआईटीवी)- आईपीएल 2025 में पहली बार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी ) के चैंपियन बनने की ऐतिहासिक जीत पर पूरा शहर जश्न में डूबा था,लेकिन यह खुशी का पल अचानक एक बड़े हादसे में तब्दील हो गया। बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 33 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हादसा उस समय हुआ,जब भारी भीड़ जीत का जश्न मनाने के लिए स्टेडियम के बाहर एकत्र हुई थी।

इस हृदयविदारक दुर्घटना ने ना सिर्फ जश्न को मातम में बदल दिया,बल्कि देशभर में चिंता,दुख और शोक की लहर दौड़ गई।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे पर गहरा शोक जताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जानकारी दी कि इस भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 33 लोग घायल हैं। उन्होंने इस त्रासदी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये के मुआवजा और घायलों के राज्य सरकार की ओर से पूरी तरह मुफ्त इलाज मुहैया कराए जाने की घोषणा की है। साथ ही उन्होंने कहा कि हादसे की जाँच कराई जाएगी,ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा,”बेंगलुरु में हुई दुर्घटना बहुत ही दुखद है। इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उन सभी लोगों के साथ हैं,जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूँ कि जो लोग घायल हुए हैं वे जल्द स्वस्थ हो जाएँ।”

प्रधानमंत्री का यह शोक संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया गया और हजारों लोगों ने इसे रीपोस्ट कर संवेदना व्यक्त की।

इस हादसे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी दुख जताया और एक लंबा पोस्ट करते हुए लिखा, “बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत के दौरान हुई भगदड़ से बहुत दुखी हूँ। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस खुशी के मौके पर लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। मेरी संवेदनाएँ उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपनों को खोया है।”

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी बेंगलुरु के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ी है। कर्नाटक सरकार द्वारा राहत और चिकित्सा सहायता के सभी प्रयासों को पार्टी का पूरा समर्थन है।साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा और उसे सख्ती से लागू करने की सलाह दी,ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी इस हादसे को लेकर गहरी चिंता जताई। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई दुखद भगदड़ दिल दहला देने वाली है।” उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

राहुल गांधी ने आगे लिखा, “यह त्रासदी हमें याद दिलाती है कि कोई भी जश्न इंसान की जान से कीमती नहीं होता। सार्वजनिक आयोजनों के लिए हर सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा और सख्त पालन जरूरी है।”

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जीवन को हमेशा प्राथमिकता दी जानी चाहिए और ऐसे आयोजनों के लिए ठोस योजना एवं भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था अनिवार्य है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जैसे ही आरसीबी की जीत की घोषणा हुई,हजारों की संख्या में प्रशंसक चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एकत्र हो गए। बताया जा रहा है कि वहाँ कोई संगठित प्रवेश और निकास व्यवस्था नहीं थी और अचानक भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। कुछ लोगों के फिसलने और गिरने से स्थिति और बिगड़ गई, जिससे जानलेवा अफरा-तफरी मच गई।

पुलिस और राहत कर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायलों को अस्पताल पहुँचाया। कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस दर्दनाक घटना के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं,जैसे-क्या प्रशासन ने इतनी बड़ी भीड़ के लिए यथोचित सुरक्षा प्रबंध किए थे?क्या आयोजकों द्वारा भीड़ नियंत्रण योजना तैयार की गई थी?क्या पुलिस की तैनाती और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था पर्याप्त थी?

इन सभी सवालों की जाँच की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि जाँच के बाद जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जाएगी।

बेंगलुरु भगदड़ हादसा एक गंभीर चेतावनी है। जश्न में सुरक्षा की अनदेखी कभी नहीं होनी चाहिए। आरसीबी की ऐतिहासिक जीत के साथ जो खुशी पूरे शहर ने महसूस की,वो पल भर में दुख में बदल गया। अब समय है कि सरकारें,प्रशासन और आयोजक सभी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में किसी भी सार्वजनिक आयोजन में प्राथमिकता लोगों की जान की सुरक्षा को दी जाए।

इस हादसे ने देश को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जीवन के आगे कोई भी उत्सव,जश्न या आयोजन मायने नहीं रखता। भीड़ प्रबंधन,आपातकालीन व्यवस्था और जिम्मेदार आयोजन संस्कृति को अब केवल औपचारिकता नहीं,अनिवार्य आदत बनाना होगा।