डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025 का मुकाबला (तस्वीर क्रेडिट@ImSury9)

डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025: दक्षिण अफ्रीका इतिहास रचने के करीब,एडन मार्कराम का शतक,बवुमा का दम, डब्ल्यूटीसी फाइनल जीत से बस 69 रन दूर

लंदन,14 जून (युआईटीवी)- डब्ल्यूटीसी फाइनल 2025 का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जा रहा है,जहाँ दक्षिण अफ्रीका की टीम इतिहास रचने के करीब पहुँच गई है। दक्षिण अफ्रीका की टीम,जिसे अक्सर “चोकर्स” के रूप में जाना जाता है,अब इतिहास रचने के बेहद करीब है। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करते हुए साउथ अफ्रीका ने तीसरे दिन स्टंप्स तक 2 विकेट पर 213 रन बना लिए हैं। अब उसे फाइनल जीतने के लिए चौथे दिन केवल 69 रन की जरूरत है और उसके 8 विकेट सुरक्षित हैं।

इस जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका 27 साल बाद पहली आईसीसी ट्रॉफी जीतने की दहलीज पर है। इससे पहले टीम ने 1998 में आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट (जो बाद में चैंपियंस ट्रॉफी बना) जीता था। तब से लेकर अब तक आईसीसी के किसी भी बड़े टूर्नामेंट,वनडे वर्ल्ड कप,टी20 वर्ल्ड कप या चैंपियंस ट्रॉफी में टीम को खिताब नहीं मिला।

तीसरे दिन का नायक रहे सलामी बल्लेबाज एडन मार्कराम,जिन्होंने जबरदस्त धैर्य और तकनीक का प्रदर्शन करते हुए 102 रन की नाबाद पारी खेली। उन्होंने 159 गेंदों में 11 चौकों की मदद से अपना आठवां टेस्ट शतक पूरा किया। उनका साथ बखूबी निभाया कप्तान टेम्बा बवुमा ने,जो 121 गेंदों में 65 रन बनाकर नाबाद हैं।

दोनों के बीच 143 रन की अटूट साझेदारी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी की कमर तोड़ दी और साउथ अफ्रीका को बेहद मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया।

साउथ अफ्रीका की दूसरी पारी की शुरुआत असहज रही। टीम ने अपना पहला विकेट महज 9 रन पर खो दिया,लेकिन इसके बाद मार्कराम ने वियान मुल्डर (27 रन) के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी की। इस साझेदारी ने टीम को स्थिरता दी और फिर बवुमा के साथ उनकी जमी साझेदारी ने जीत की ओर मजबूत नींव रख दी।

ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के सामने 282 रन का लक्ष्य रखा था। ऑस्ट्रेलियाई टीम की दूसरी पारी 207 रन पर सिमट गई,जिसमें मिचेल स्टार्क ने सर्वाधिक 58 रन बनाकर नाबाद पारी खेली। एलेक्स कैरी ने भी 43 रन बनाए।

दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों कगिसो रबाडा,लुंगी एंगिडी,मार्को यानसेन,वियान मुल्डर और एडन मार्कराम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया,जिसमें कगिसो रबाडा ने 4 विकेट लिए,लुंगी एंगिडी ने 3 विकेट,मार्को यानसेन,वियान मुल्डर और एडन मार्कराम ने 1-1 विकेट हासिल किए।

ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी भी 212 रन पर सिमटी थी,जबकि साउथ अफ्रीका की पहली पारी 138 रन पर सिमट गई थी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया को 74 रन की पहली पारी की बढ़त मिली थी,लेकिन दूसरी पारी में साउथ अफ्रीका ने बेहद दमदार वापसी की।

दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट इतिहास में यह पल सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो सकता है। एक टीम जिसे हर बार बड़े मैचों में नाकामी का सामना करना पड़ा,अब अपना पहला वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेल रही है और जीत से महज 69 रन दूर खड़ी है।

साल 1998 में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने पहला और आखिरी आईसीसी टूर्नामेंट जीता था। इसके बाद से साउथ अफ्रीका ने वनडे,टी20 या फिर चैंपियंस ट्रॉफी कोई भी टूर्नामेंट नहीं जीत पाई है।

दक्षिण अफ्रीका की टीम वनडे वर्ल्ड कप में कभी सेमीफाइनल से आगे नहीं बढ़े। टी20 वर्ल्ड कप में अक्सर सुपर 12 या सेमीफाइनल में बाहर और चैंपियंस ट्रॉफी में बिना खिताब के सफर समाप्त किया है।

इस बार डब्ल्यूटीसी फाइनल जीतने पर न केवल उन्हें पहली टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी मिलेगी,बल्कि वह आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाली चुनिंदा टीमों में भी शुमार हो जाएँगे।

चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए सिर्फ 69 रन चाहिए,जबकि टीम के 8 विकेट शेष हैं। यदि मौसम या दबाव कोई बाधा नहीं बना,तो यह तय माना जा रहा है कि साउथ अफ्रीका इतिहास रच देगी।

इस जीत के मायने न सिर्फ एक खिताब तक सीमित होंगे,बल्कि यह उस मानसिक दबाव और “चोकर्स” टैग से मुक्ति की शुरुआत होगी,जिसने सालों से इस टीम का पीछा किया है।

एडन मार्कराम और टेम्बा बवुमा की जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीका को वह प्लेटफॉर्म दे दिया है,जिसकी उसे ज़रूरत थी। अब यह टीम के बाकी खिलाड़ियों और पूरे देश के लिए गर्व और गौरव का क्षण बनने जा रहा है। अगर चौथे दिन दक्षिण अफ्रीका 69 रन बना लेती है,तो यह सिर्फ एक जीत नहीं होगी,बल्कि 27 साल का सूखा खत्म करने वाला ऐतिहासिक मोड़ होगा।