वाशिंगटन,20 जून (युआईटीवी)- भारतीय अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) ले जाने वाला ऐतिहासिक मिशन ‘एक्सिओम मिशन 4’ एक बार फिर से टाल दिया गया है। यह मिशन 22 जून 2025 को लॉन्च होने वाला था,लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसे स्थगित करने का निर्णय लिया है।
नासा ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि ज्वेज्दा सेवा मॉड्यूल के पिछले हिस्से में हाल ही में कुछ मरम्मत कार्य किए गए हैं। इसके बाद से अंतरिक्ष स्टेशन की समग्र परिचालन स्थितियों का आकलन करना आवश्यक हो गया है। नासा का मानना है कि अंतरिक्ष स्टेशन की विभिन्न प्रणालियाँ एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं और किसी भी नए चालक दल के आगमन से पहले यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि सभी प्रणालियाँ सुचारू रूप से कार्य कर रही हों।
नासा ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि स्टेशन पूरी तरह तैयार हो,ताकि अतिरिक्त अंतरिक्ष यात्रियों के आगमन से पहले कोई तकनीकी समस्या न हो। इसलिए एजेंसी और उसके साझेदार एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स मिलकर सभी तकनीकी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा कर रहे हैं।”
इस मिशन की सफलता के लिए तीन प्रमुख एजेंसियाँ नासा (राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन),एक्सिओम स्पेस (एक निजी अंतरिक्ष कंपनी जो मानवयुक्त वाणिज्यिक मिशनों पर काम कर रही है) और स्पेसएक्स (एलन मस्क की निजी कंपनी,जो रॉकेट और ड्रैगन कैप्सूल मुहैया कराती है) मिलकर काम कर रही हैं।
तीनों एजेंसियाँ मिशन की संभावनाओं की समीक्षा कर रही हैं और आने वाले दिनों में नई लॉन्च तिथि घोषित की जाएगी। फिलहाल फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A पर सुरक्षित अवस्था में हैं।
एक्सिओम-4 मिशन सिर्फ अमेरिका के लिए ही नहीं,बल्कि भारत,पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए भी ऐतिहासिक महत्व रखता है। इस मिशन में तीन देशों के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं,जो अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। नासा ने भी अपने बयान में इस मिशन के “ऐतिहासिक महत्व” को रेखांकित करते हुए कहा कि वह इस उड़ान की तैयारी को गंभीरता से ले रही है।
नासा ने कहा, “हम समझते हैं कि इस मिशन से जुड़ी उम्मीदें काफी बड़ी हैं,इसलिए किसी भी जल्दबाजी से बचते हुए हम अंतरिक्ष स्टेशन की तैयारियों को पूरी तरह सुनिश्चित करना चाहते हैं।”
इस मिशन का नेतृत्व पेगी व्हिटसन करेंगी,जो नासा की पूर्व वरिष्ठ अंतरिक्ष यात्री रह चुकी हैं और अब एक्सिओम स्पेस में मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक की भूमिका निभा रही हैं।
शुभांशु शुक्ला इसरो से जुड़े भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं,जो इस मिशन में पायलट की भूमिका में होंगे।
स्लावोश उज्नान्सकी पोलैंड से हैं और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री हैं।
टिबोर कापु हंगरी के अंतरिक्ष यात्री,जो मिशन विशेषज्ञ के रूप में शामिल हैं।
वर्तमान में, चारों अंतरिक्ष यात्री फ्लोरिडा में क्वारंटीन में हैं। उन्हें अंतरिक्ष में भेजे जाने से पहले सभी जरूरी मेडिकल,तकनीकी और मनोवैज्ञानिक जाँचों से गुजरना होता है। नासा ने कहा है कि जैसे ही अंतरिक्ष स्टेशन की परिस्थितियाँ अनुकूल होंगी, मिशन को लॉन्च किया जाएगा।
एक्सिओम मिशन 4 भले ही कुछ समय के लिए स्थगित हुआ हो,लेकिन इससे जुड़े वैज्ञानिक,तकनीकी और राष्ट्रीय महत्व को देखते हुए यह अभी भी बेहद खास बना हुआ है। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि शुभांशु शुक्ला जैसे अंतरिक्ष यात्री अब वैश्विक मिशनों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
अगले कुछ दिनों में नासा नई लॉन्च तिथि की घोषणा करेगा। तब तक सभी संबंधित एजेंसियाँ मिशन की सुरक्षा,तैयारी और अंतरिक्ष स्टेशन की तकनीकी स्थितियों का गहन मूल्यांकन करती रहेंगी। अंतरिक्ष प्रेमियों और भारतवासियों को अब बस इस ऐतिहासिक पल का इंतजार है,जब एक और भारतीय अंतरिक्ष में देश का नाम रोशन करेगा।