नई दिल्ली,2 जुलाई (युआईटीवी)- पंजाबी सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘सरदार जी 3’ को लेकर उपजे विवाद में अब वरिष्ठ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह भी शामिल हो गए हैं। हालाँकि,शाह द्वारा फेसबुक पर दिलजीत के समर्थन में लिखा गया पोस्ट अब डिलीट कर दिया गया है,लेकिन तब तक यह पोस्ट वायरल हो चुका था और उन्हें सोशल मीडिया पर तीखी आलोचनाओं और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है।
दिलजीत दोसांझ की फिल्म ‘सरदार जी 3’ में पाकिस्तानी अभिनेत्री हानिया आमिर की मौजूदगी को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई यूजर्स और संगठन इस फिल्म के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध दर्ज करा रहे हैं। इनका आरोप है कि ऐसे समय में जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्ते हैं,तब पाकिस्तानी कलाकार को फिल्म में लेना “देशद्रोह” जैसा है।
इसके अलावा फिल्म को भारत में रिलीज नहीं किया गया,बल्कि विदेशों और पाकिस्तान में ही रिलीज किया गया है,जिससे यह और अधिक संवेदनशील मुद्दा बन गया है।
इस मामले में नसीरुद्दीन शाह ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर दिलजीत दोसांझ का समर्थन किया था। उन्होंने लिखा, “मैं दिलजीत के साथ पूरी मजबूती से खड़ा हूँ। ‘जुमला पार्टी’ का ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ बहुत समय से दिलजीत पर हमला करने का मौका ढूँढ़ रहा था। अब उन्हें लगता है कि आखिरकार वो मौका मिल गया है।”
शाह ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि दिलजीत फिल्म की कास्टिंग के लिए जिम्मेदार नहीं हैं,यह निर्देशक का निर्णय होता है।”निर्देशक का नाम कोई नहीं जानता,लेकिन दिलजीत को पूरी दुनिया जानती है। उन्होंने हानिया को इसलिए स्वीकार किया क्योंकि उनके मन में कोई ज़हर नहीं है। कुछ गुंडे भारत और पाकिस्तान के आम लोगों के बीच मेल-जोल खत्म करना चाहते हैं,लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।”
नसीरुद्दीन शाह ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि उनके खुद के कुछ रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं और उन्हें उनसे मिलने या प्रेम करने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कटाक्ष करते हुए लिखा, “जो लोग कहते हैं कि ‘पाकिस्तान चले जाओ’,उन्हें मेरा जवाब है—‘कैलासा जाओ’।”
हालाँकि,कुछ ही घंटों के भीतर नसीरुद्दीन शाह ने यह पोस्ट फेसबुक से डिलीट कर दिया,लेकिन तब तक इसका स्क्रीनशॉट वायरल हो चुका था। इसके बाद ट्रोलर्स ने उन्हें निशाने पर लेना शुरू कर दिया।
एक यूजर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “नसीरुद्दीन शाह ने पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन उन्होंने इसे अपने दिमाग से नहीं हटाया। वह भारत का समर्थन कभी नहीं करते और न ही करेंगे।”
दूसरे यूजर ने कटाक्ष किया, “अब याद आ गया होगा कि पैसा कमाने के लिए कहाँ जाना पड़ेगा।”
एक और यूजर ने लिखा, “डरपोक हैं ये लोग,बोलते तभी हैं,जब इनके साथ ज्यादा लोग हों।”
नसीरुद्दीन शाह के बयान और फिर पोस्ट हटाने को लेकर सोशल मीडिया पर दो स्पष्ट धड़े बन गए हैं। समर्थकों का मानना है कि शाह ने एक लोकतांत्रिक और मानवीय दृष्टिकोण से बात कही और यह जरूरी था कि कोई दिलजीत जैसे कलाकार का बचाव करता।
आलोचकों का पक्ष शाह को “देश विरोधी” बताकर उन्हें ट्रोल कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वह हमेशा भारत सरकार या देश के खिलाफ ही बोलते हैं।
नसीरुद्दीन शाह का दिलजीत दोसांझ के समर्थन में किया गया बयान और फिर उसे हटाना,एक बार फिर यह दिखाता है कि सोशल मीडिया पर किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर राय रखना कितना जोखिमपूर्ण हो गया है।फिल्म,कला और राजनीति के बीच की लकीर दिन-ब-दिन धुँधली होती जा रही है और कलाकारों को हर वक्त इस डर में रहना पड़ता है कि कहीं उनकी बात को गलत अर्थों में न लिया जाए।
शाह ने भले ही पोस्ट डिलीट कर दिया हो,लेकिन उनके शब्दों और समर्थन का संदेश अब इंटरनेट पर अमिट रूप से दर्ज हो गया है। यह मामला सिर्फ एक फिल्म का नहीं,बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,सीमा पार रिश्तों और कलाकारों की जिम्मेदारी पर एक नई बहस को जन्म दे चुका है।