नई दिल्ली,18 जुलाई (युआईटीवी)- लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपने बहनोई रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पिछले 10 वर्षों से वाड्रा परिवार को परेशान कर रही है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा,”मेरे जीजा रॉबर्ट वाड्रा को पिछले दस सालों से यह सरकार परेशान कर रही है। यह चार्जशीट उसी षड्यंत्र का एक और हिस्सा है। मैं रॉबर्ट,प्रियंका और उनके बच्चों के साथ हूँ, क्योंकि वे दुर्भावनापूर्ण,राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोपों और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं।”
उन्होंने वाड्रा परिवार के प्रति समर्थन जताते हुए आगे लिखा,”मुझे पूरा विश्वास है कि वे सभी किसी भी तरह के अत्याचार का साहसपूर्वक सामना करेंगे और हमेशा की तरह गरिमा के साथ इसे सहन करेंगे। आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।”
राहुल गांधी के इस बयान को भाजपा सरकार के खिलाफ एक सीधा हमला माना जा रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ शिकोहपुर भूमि सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दाखिल की है।
ईडी ने इस मामले में वाड्रा और उनकी कंपनी की 43 संपत्तियाँ (कुल मूल्य 37.64 करोड़ रुपए) अटैच की हैं। ईडी के अनुसार,वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम जिले के शिकोहपुर गाँव में 3.53 एकड़ जमीन 2008 में 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी थी। यह सौदा ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से झूठे दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी से किया गया।
ईडी का दावा है कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपने रसूख का इस्तेमाल कर उस जमीन पर व्यावसायिक लाइसेंस हासिल किया। चार्जशीट में कहा गया कि वाड्रा द्वारा खरीदी गई जमीन का नामांतरण (म्यूटेशन),जो आमतौर पर महीनों लेता है,एक ही दिन में पूरा कर दिया गया।
यह जमीन सौदा फरवरी 2008 में हुआ,जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। कुछ महीनों बाद वाड्रा को वहाँ हाउसिंग सोसाइटी बनाने की अनुमति मिल गई। इस अनुमति के बाद जमीन की कीमत कई गुना बढ़ गई।
जून 2008 में वाड्रा ने यह जमीन डीएलएफ को 58 करोड़ रुपए में बेच दी। ईडी को संदेह है कि इस सौदे से अर्जित रकम मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा हो सकती है और इसी पहलू की गहन जाँच की जा रही है।
इस साल अप्रैल 2025 में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से इस मामले में कई दौर की पूछताछ की थी और उनका बयान दर्ज किया था। ईडी अधिकारियों का कहना है कि मनी लॉन्ड्रिंग की रकम को लेकर वाड्रा के जवाबों की जाँच अभी जारी है।
राहुल गांधी द्वारा ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिए जाने के बाद यह मामला एक बार फिर से राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है।
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। वहीं,भाजपा का दावा है कि ईडी की कार्रवाई तथ्यों और सबूतों पर आधारित है और सरकार का इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दायर ईडी की चार्जशीट ने एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक तनातनी को बढ़ा दिया है। राहुल गांधी का खुला समर्थन इस बात का संकेत है कि कांग्रेस इस मुद्दे को भाजपा के खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है।
ईडी की जाँच आगे क्या मोड़ लेती है और क्या यह मामला अदालत में साबित हो पाता है,इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। फिलहाल,वाड्रा परिवार ने खुद को निर्दोष बताया है और कांग्रेस का दावा है कि “आखिरकार सच्चाई की जीत होगी।”
