चेन्नई,18 जुलाई (युआईटीवी)- तमिल सिनेमा के चर्चित निर्देशक और अभिनेता वेलु प्रभाकरन का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार,18 जुलाई को निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। उनके निधन की खबर से तमिल फिल्म इंडस्ट्री और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है।
वेलु प्रभाकरन के परिवार ने एक बयान जारी कर कहा,”हमें यह बताते हुए गहरा दुख हो रहा है कि मशहूर फिल्ममेकर वेलु प्रभाकरन 18 जुलाई को लंबी बीमारी के बाद हमें हमेशा के लिए छोड़कर चले गए।”
परिवार के अनुसार,उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए वालासरावक्कम,श्री कृष्णा नगर 21वीं स्ट्रीट,व्हाइट हाउस में शनिवार शाम से रविवार दोपहर तक रखा जाएगा। अंतिम संस्कार रविवार शाम पोरूर श्मशान घाट में किया जाएगा, जिसमें परिवार और करीबी लोग शामिल होंगे।
वेलु प्रभाकरन तमिल सिनेमा में अपनी बेबाक कहानियों और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के लिए जाने जाते थे।
उनकी चर्चित फिल्में ‘नलया मनीथन’,‘कदवुल’,‘पुराचिक्कारन’,‘कधल कधई’ हैं।
इन फिल्मों में उन्होंने नास्तिकता,जाति और जेंडर जैसे गंभीर विषयों को बिना किसी झिझक के प्रस्तुत किया। उनकी फिल्मों ने जहाँ दर्शकों से तारीफ बटोरी,वहीं कई बार उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।
वेलु प्रभाकरन 1980 के दशक से लेकर अपने अंतिम समय तक सिनेमा जगत में सक्रिय रहे। वह नई पीढ़ी के फिल्ममेकर्स के लिए प्रेरणा थे।
उनकी खासियत थी कि वह कम संसाधनों में भी बेहतरीन फिल्में बना लेते थे। उनके करीबी बताते हैं कि वह हमेशा नए प्रयोग करते थे। एक बार उन्होंने केवल मोमबत्तियों की रोशनी में एक सीन शूट किया था,जो उनकी रचनात्मकता और नवाचार का उदाहरण है।
उनकी फिल्में केवल कला का प्रदर्शन नहीं थीं,बल्कि सिनेमा के पारंपरिक नियमों को चुनौती देने का भी माध्यम थीं।
वेलु प्रभाकरन की कहानी कहने की अनोखी शैली,बोल्ड विषय चयन और समाज को आईना दिखाने वाली दृष्टि ने उन्हें तमिल सिनेमा में खास पहचान दिलाई। वह अपनी विनम्रता,रचनात्मक सोच और निर्भीक दृष्टिकोण के लिए हमेशा याद किए जाएँगे।
उनका योगदान न केवल तमिल सिनेमा बल्कि भारतीय सिनेमा के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
वेलु प्रभाकरन के निधन से तमिल सिनेमा ने एक ऐसा कलाकार खो दिया है,जिसने अपने बेबाक नजरिए और अनूठी कहानी कहने की शैली से लाखों दिलों को छुआ। उनके प्रशंसक और साथी कलाकार उन्हें एक ऐसे शख्स के रूप में याद करेंगे, जिसने सिनेमा को केवल मनोरंजन नहीं,बल्कि सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाया।
उनकी सादगी,रचनात्मकता और साहसिक दृष्टिकोण उन्हें तमिल सिनेमा में हमेशा अमर बनाए रखेगा।

