नई दिल्ली,19 जुलाई (युआईटीवी)- नेपाल सरकार ने देश में टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप को बैन करने का बड़ा कदम उठाया है। नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (एनटीए) ने सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स और इंटरनेट कंपनियों को आदेश जारी कर तुरंत टेलीग्राम के एक्सेस को बंद करने का निर्देश दिया है। यह फैसला नेपाल पुलिस के साइबर ब्यूरो की लगातार चेतावनियों और अनुरोधों के बाद लिया गया है। नेपाल पुलिस ने टेलीग्राम को वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का एक बड़ा साधन बताते हुए इसके इस्तेमाल पर चिंता जताई थी।
एनटीए ने इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियों की गंभीर चिंताओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाना आवश्यक हो गया था। प्राधिकरण के मुताबिक,नेपाल में टेलीग्राम के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे थे। इसमें फर्जी नौकरी के प्रस्ताव,क्रिप्टो घोटाले और अन्य ऑनलाइन फ्रॉड शामिल हैं। साथ ही,कई मामलों में टेलीग्राम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर अपराधों के लिए भी किया जा रहा था।
एनटीए ने कहा कि हाल के महीनों में टेलीग्राम से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके चलते प्रधानमंत्री कार्यालय,गृह मंत्रालय और अन्य प्रमुख अधिकारियों ने इस मुद्दे पर कई बैठकों का आयोजन किया। अंततः प्रधानमंत्री कार्यालय ने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इसके बाद मंत्रालय ने एनटीए को पत्र भेजकर ऐप को बैन करने का आधिकारिक निर्देश दिया।
इस प्रतिबंध का एक और बड़ा कारण टेलीग्राम द्वारा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग न करना है। मंत्रालय ने टेलीग्राम के आधिकारिक प्रतिनिधियों से संपर्क करने की कोशिश की,लेकिन कोई स्थानीय संपर्क उपलब्ध नहीं था। टेलीग्राम से डेटा साझा करने या संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी माँगने पर भी कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। इस रवैये के कारण नेपाल सरकार ने इसे देश की साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानते हुए इसे बैन करने का निर्णय लिया।
टेलीग्राम लंबे समय से इस आरोप का सामना कर रहा है कि यह ऐप अपराधियों और धोखेबाजों के लिए सुरक्षित प्लेटफॉर्म बन गया है। ऐप की एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन तकनीक के कारण उस पर होने वाली बातचीत को ट्रैक करना मुश्किल होता है। कई बार सरकारों ने इस पर यूजर्स का डेटा साझा न करने और अपराधों में सहयोग न करने के लिए आलोचना की है। नेपाल से पहले चीन जैसे देशों ने भी इसी तरह की चिंताओं के चलते टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था।
टेलीग्राम को लेकर विवाद तब और बढ़ गया,जब इसके सह-संस्थापक पावेल डुरोव को अगस्त 2024 में फ्रांस में गिरफ्तार कर लिया गया। डुरोव को ले बोर्गेट हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया गया था। उन पर बाल शोषण सामग्री के वितरण,मादक पदार्थों की तस्करी और कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए थे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें फ्रांस छोड़ने से रोक दिया गया और न्यायिक निगरानी में रखा गया। हालाँकि,डुरोव की गिरफ्तारी के खिलाफ दुनिया भर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के समर्थकों और टेलीग्राम उपयोगकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। मार्च 2025 में एक फ्रांसीसी न्यायाधीश ने उन्हें अस्थायी रूप से देश छोड़ने की अनुमति दी,जिसके बाद वे उसी महीने फ्रांस से बाहर चले गए।
नेपाल में टेलीग्राम पर बैन ऐसे समय में लगाया गया है,जब देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। साइबर ब्यूरो के अनुसार, कई मामले सामने आए हैं,जिनमें लोगों को टेलीग्राम के जरिए फर्जी निवेश योजनाओं और क्रिप्टोकरेंसी में भारी मुनाफे का झांसा देकर ठगा गया। इसके अलावा,कई गिरोह टेलीग्राम पर गुप्त समूह बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वित्तीय लेनदेन को अंजाम दे रहे थे।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक,टेलीग्राम का नेपाल में उपयोग अपराधियों के लिए एक आसान साधन बन गया था,क्योंकि यह ऐप उपयोगकर्ताओं की पहचान छिपाने में मदद करता है और इसके माध्यम से बातचीत को ट्रैक करना मुश्किल होता है। सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि जिन मामलों में शिकायत दर्ज हुई,उनमें से ज्यादातर में टेलीग्राम का इस्तेमाल किया गया था।
टेलीग्राम की सुरक्षा खामियों को लेकर पहले भी कई देशों में चर्चा होती रही है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि ऐप की मजबूत एन्क्रिप्शन प्रणाली इसे अपराधियों के लिए सुरक्षित बनाती है,लेकिन आम लोगों की सुरक्षा और गोपनीयता के लिए यह एक दोधारी तलवार साबित हो रही है। कई देशों की सरकारें चाहती हैं कि टेलीग्राम अपने प्लेटफॉर्म को अधिक सुरक्षित बनाए और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी समय पर साझा करे,लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
नेपाल सरकार का यह कदम देश की साइबर सुरक्षा नीति की दिशा में एक सख्त संदेश है। अधिकारियों का कहना है कि नागरिकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने और वित्तीय अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए यह कदम उठाना आवश्यक था। हालाँकि,इस फैसले से उन आम उपयोगकर्ताओं को परेशानी होगी,जो टेलीग्राम का इस्तेमाल पढ़ाई,कामकाज और निजी बातचीत के लिए करते थे।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नेपाल का यह कदम अन्य देशों को भी प्रभावित करता है या नहीं। फिलहाल,नेपाल सरकार का मानना है कि टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगाना साइबर सुरक्षा के लिए जरूरी था और यह कदम देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने की दिशा में एक मजबूत पहल है।