माले,25 जुलाई (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गुरुवार को मालदीव की राजधानी माले पहुँच गए। माले के वेलाना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने स्वयं प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करना और द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाई पर ले जाना है। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे,जो भारत-मालदीव के 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों का भी प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत में मालदीव सरकार ने विशेष व्यवस्था की। एयरपोर्ट पर पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत कर भारतीय प्रधानमंत्री के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ताली बजाकर इन बाल कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी इन बच्चों के बीच पहुँचे और उनसे मुलाकात की। उन्होंने बच्चों की कला की सराहना की और उनके साथ कुछ समय बिताया।
प्रधानमंत्री मोदी के माले पहुँचने पर प्रवासी भारतीय नागरिकों ने भी उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग मौजूद थे,जिन्होंने हाथों में तिरंगा झंडा लेकर ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। प्रधानमंत्री मोदी भी प्रवासी भारतीयों से मिलने पहुँचे और उनसे बातचीत की। उन्होंने उन्हें भारत सरकार की नीतियों और विदेशों में भारतीय समुदाय के योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
The Prime Minister of India, His Excellency Shri @narendramodi arrives in the Maldives on a state visit, at the invitation of His Excellency President Dr @MMuizzu. This historic visit is Prime Minister Modi’s first visit to the Maldives since assuming his third term, and… pic.twitter.com/5xImYCNxbp
— The President’s Office (@presidencymv) July 25, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा उनकी दो देशों की विदेश यात्रा का दूसरा चरण है। इससे पहले उन्होंने ब्रिटेन की ऐतिहासिक यात्रा की थी,जहाँ भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के सैंड्रिंघम हाउस में किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग को नए आयाम देने के लिए उच्च-स्तरीय बैठकों में हिस्सा लिया। ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत-ब्रिटेन व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को लेकर कई अहम फैसले हुए,जिनसे दोनों देशों के रिश्तों को मजबूती मिली।
विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के महत्व को रेखांकित करते हुए लिखा, “ब्रिटेन की ऐतिहासिक यात्रा ने भारत-ब्रिटेन के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दूसरे चरण (मालदीव) के लिए रवाना हुए, जहाँ दोनों देशों के बीच सामरिक और आर्थिक साझेदारी पर महत्वपूर्ण चर्चा होगी।”
मालदीव पहुँचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक,दोनों नेता आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। बैठक में अक्टूबर 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान अपनाए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन की प्रगति का भी जायजा लिया जाएगा। यह साझेदारी हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सामरिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा का मुख्य फोकस भारत-मालदीव के बीच आर्थिक सहयोग,समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर होगा। मालदीव,हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध रहे हैं,जिन्हें हाल के वर्षों में नई दिशा और मजबूती मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी के मुख्य अतिथि के रूप में मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होना दोनों देशों के मजबूत रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है। यह समारोह न केवल मालदीव की आजादी की यात्रा का जश्न है,बल्कि भारत और मालदीव के बीच दशकों पुराने भरोसेमंद रिश्ते का भी उत्सव है।
भारत और मालदीव के बीच आपसी सहयोग के तहत कई विकास परियोजनाएँ चल रही हैं। भारत ने हाल के वर्षों में मालदीव में कई बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को पूरा किया है,जिनमें सड़कें,पुल और स्वास्थ्य सुविधाएँ शामिल हैं। इसके अलावा, भारत ने मालदीव को कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन और चिकित्सा आपूर्ति में भी मदद की थी,जिसे वहाँ की जनता ने सराहा।
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान समुद्री सुरक्षा को लेकर भी महत्वपूर्ण निर्णय होने की संभावना है। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भारत और मालदीव दोनों ही क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सामरिक सहयोग को मजबूत करना चाहते हैं। मालदीव में भारत की उपस्थिति हिंद महासागर क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।
इस यात्रा से यह उम्मीद की जा रही है कि भारत और मालदीव के बीच न केवल आर्थिक और सुरक्षा सहयोग मजबूत होगा,बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक और मानवीय संबंध भी और गहरे होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे को एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है,जो भारत-मालदीव रिश्तों के नए युग की शुरुआत कर सकता है।