बैंकॉक,25 जुलाई (युआईटीवी)- थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है,जिससे हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। दोनों देशों के बीच हो रहे सैन्य संघर्ष में अब तक थाईलैंड के 14 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 46 अन्य घायल हुए हैं। थाईलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार,कंबोडिया ने गुरुवार शाम तक अपने हताहतों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की थी। थाईलैंड के जन स्वास्थ्य मंत्री सोमसेक थेपसुथिन ने बैंकॉक में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 14 लोगों की मौत की पुष्टि की,जिनमें 13 नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं। उन्होंने नागरिकों और एक अस्पताल पर हुए कंबोडियाई हमलों की कड़ी निंदा की और इसे युद्ध अपराध करार देते हुए कहा कि कंबोडियाई सरकार को तुरंत इन हमलों को रोकना चाहिए और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों का सम्मान करना चाहिए।
यह सैन्य झड़प बुधवार को उस समय शुरू हुई,जब एक बारूदी सुरंग विस्फोट में थाईलैंड के पाँच सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव तेजी से बढ़ा और उन्होंने एक-दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया। थाईलैंड ने कंबोडिया पर रूस निर्मित नई बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया,जबकि कंबोडिया ने इन आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज कर दिया। कंबोडिया का कहना है कि यह विस्फोट पुराने संघर्षों की बची हुई बारूदी सुरंगों के कारण हुआ,जिनका दोनों देशों के मौजूदा संघर्ष से कोई संबंध नहीं है।
गुरुवार को सीमा पर हालात और खराब हो गए। रिपोर्ट के अनुसार,लगभग छह जगहों पर भीषण झड़पें हुईं,जिनमें प्राचीन ता मुएन थॉम मंदिर के पास का इलाका भी शामिल है। थाईलैंड ने जवाबी कार्रवाई में हवाई हमलों का सहारा लिया। थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नडेज बालनकुरा ने इस कार्रवाई को उचित ठहराते हुए कहा कि यह कदम आत्मरक्षा के तहत उठाया गया। हालाँकि,झड़पों के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे पर अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने इस मामले को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ले जाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से तत्काल बैठक बुलाने की अपील की। उन्होंने संघर्ष के बढ़ते हालात को देखते हुए न्यूयॉर्क में एक आपात सत्र भी बुलाया,जो बंद कमरे में चला। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि थाईलैंड के हवाई हमलों में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहियर के पास की एक सड़क को भी निशाना बनाया गया,जो अंतर्राष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। कंबोडिया ने इस हमले के लिए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
कंबोडिया के संस्कृति मंत्रालय ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि प्रीह विहियर मंदिर केवल कंबोडिया की ऐतिहासिक धरोहर ही नहीं बल्कि यूनेस्को द्वारा संरक्षित एक वैश्विक धरोहर है। मंत्रालय ने कहा कि इस स्थल को किसी भी प्रकार की क्षति पहुँचाना मानवता की साझा विरासत पर हमला है।
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता ने थाईलैंड पर हमला करने को लेकर सफाई दी। उन्होंने कहा कि कंबोडिया के पास थाईलैंड के बढ़ते खतरों से अपने क्षेत्र की रक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। सोचेता ने दावा किया कि कंबोडियाई हमले केवल सैन्य ठिकानों पर केंद्रित थे और किसी भी अन्य स्थान को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया।
इस संघर्ष ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। उनके उप-प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि महासचिव चाहते हैं कि थाईलैंड और कंबोडिया बातचीत के जरिए किसी भी मुद्दे को हल करें और किसी भी प्रकार के सैन्य टकराव से बचें। उन्होंने दोनों पक्षों को अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करने की याद दिलाई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए थाईलैंड ने अपनी सुरक्षा बढ़ा दी है। थाईलैंड ने कंबोडिया के साथ सभी भूमि सीमा चौकियों को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को जल्द से जल्द कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने भी कंबोडिया में फँसे थाई नागरिकों को वापस लाने में मदद की पेशकश की है।
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई ने हालात की कमान खुद संभाल ली है। उन्होंने कंबोडिया को चेतावनी दी है कि यदि उसने आगे कोई आक्रामक कदम उठाया तो थाईलैंड इसका कड़ा जवाब देगा। उन्होंने कहा कि थाईलैंड अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
यह संघर्ष ऐसे समय में बढ़ रहा है,जब दक्षिण-पूर्व एशिया में राजनीतिक अस्थिरता पहले से ही चिंता का विषय बनी हुई है। सीमा पर हो रही झड़पों से न केवल दोनों देशों के संबंधों पर असर पड़ रहा है,बल्कि पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का खतरा बढ़ रहा है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद कोई नया नहीं है। दोनों देशों के बीच प्राचीन मंदिरों और सीमा क्षेत्रों को लेकर लंबे समय से विवाद रहा है। खासतौर पर प्रीह विहियर मंदिर का इलाका दोनों देशों के लिए संवेदनशील मुद्दा रहा है।
अब जबकि दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और राजनयिक संबंधों में कटुता बढ़ी है,अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजरें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक पर टिकी हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या अंतर्राष्ट्रीय दबाव इस संघर्ष को रोक पाएगा या हालात और बिगड़ेंगे। फिलहाल,सीमा पर तनाव और झड़पों ने आम लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है और दोनों देशों में युद्ध जैसी स्थिति का खतरा मंडरा रहा है।