झालावाड़ स्कूल हादसा (तस्वीर क्रेडिट@DevKasanaInc)

झालावाड़ स्कूल हादसा: पीएम मोदी ने जताया दुख,5 बच्चों की मौत,20 से अधिक घायल

नई दिल्ली/जयपुर,25 जुलाई (युआईटीवी)- राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गाँव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस दर्दनाक घटना में अब तक 5 बच्चों की मौत हो चुकी है,जबकि 20 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चे कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक स्कूल भवन की जर्जर छत भरभराकर गिर पड़ी,जिससे कई बच्चे मलबे में दब गए। ग्रामीणों और प्रशासन की मदद से बच्चों को बाहर निकाला गया और गंभीर रूप से घायल बच्चों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा,”राजस्थान के झालावाड़ स्थित एक स्कूल में हुई दुर्घटना दुखद और अत्यंत पीड़ादायक है। इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएँ हादसे के शिकार छात्रों और उनके परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। अधिकारी पीड़ित जनों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार राहत और बचाव कार्यों में हर संभव मदद करेगी और घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “झालावाड़ के पीपलोदी में स्कूल की छत गिरने से हुआ हादसा बेहद पीड़ादायक है। इस दुखद दुर्घटना में दिवंगत हुए बच्चों को विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवारों को इस असहनीय पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करें। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस घटना को हृदयविदारक बताते हुए कहा कि मासूम बच्चों की मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “पीपलोदी,मनोहरथाना के स्कूल भवन में हुआ हादसा अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। जनहानि और कई बच्चों के घायल होने का समाचार हृदयविदारक है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत मासूम आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों को इस असहनीय पीड़ा को सहन करने की शक्ति दें। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूँ।”

कांग्रेस नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए माँग की है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जाँच कराई जानी चाहिए। उन्होंने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की माँग की। पायलट ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “झालावाड़ जिले के पीपलोदी गाँव में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से कई बच्चों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। इस हादसे में अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ हैं। साथ ही,घायल बच्चों के शीघ्र और पूर्ण स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ। सरकार को चाहिए कि इस हादसे की गहनता से जाँच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।”

घटना के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। ग्रामीणों की मदद से मलबे में दबे बच्चों को बाहर निकाला गया और घायलों को झालावाड़ के जिला अस्पताल और कोटा के बड़े अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया। घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार,कई बच्चों को सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई हैं,जिनका इलाज जारी है।

हादसे के बाद पीपलोदी गाँव में मातम पसरा हुआ है। मृतकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। गाँव के लोगों का कहना है कि स्कूल भवन लंबे समय से जर्जर हालत में था और इसकी मरम्मत की जरूरत थी। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया गया था,लेकिन समय पर कोई कदम नहीं उठाया गया,जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ।

वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारी मामले की जाँच में जुट गए हैं। प्राथमिक तौर पर यह सामने आ रहा है कि स्कूल भवन का निर्माण कई साल पुराना था और उसमें दरारें पड़ चुकी थीं। बारिश के कारण छत कमजोर हो गई थी और इसी वजह से वह भरभराकर गिर पड़ी। हालाँकि,शिक्षा विभाग ने इस पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

राज्य सरकार ने भी इस हादसे पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घायलों को बेहतर इलाज के लिए कोटा के बड़े अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है। वहीं,स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि पीड़ित परिवारों को तुरंत राहत राशि प्रदान की जाए।

झालावाड़ के इस दर्दनाक हादसे ने सरकारी स्कूलों की जर्जर होती इमारतों की स्थिति पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को ऐसे पुराने भवनों का निरीक्षण कर जल्द-से-जल्द मरम्मत करानी चाहिए,ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।

फिलहाल, पूरे गाँव और जिले में इस हादसे को लेकर शोक की लहर है। मृत बच्चों के परिजनों के घरों में मातम का माहौल है,जबकि घायल बच्चों के परिजन अस्पतालों के बाहर अपने बच्चों के स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं। प्रशासन ने घटनास्थल को सील कर दिया है और जाँच जारी है।